आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। सीमेंट विवाद के 50 दिन बाद भी मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू की बरमाणा ट्रक ऑपरेटरों के साथ बुधवार को सचिवालय में हुई पहली वार्ता औपचारिकता मात्र ही रही। शिमला में सिर्फ एक यूनियन के साथ ही सीएम बैठक करते रहे, जबकि दाड़लाघाट में ट्रक ऑपरेटरों ने अदाणी सीमेंट कंपनी, केंद्र और राज्य सरकार के खिलाफ हल्ला बोल दिया। ट्रांसपोर्टर अब बरमाणा और दाड़लाघाट में ट्रक मालिकों के साथ बातचीत करके सीमेंट ढुलाई रेट को लेकर सरकार के पास प्रस्ताव देंगे। सोलन जिला ट्रक यूनियन के उप प्रधान नरेश गुप्ता ने कहा कि करीब पौने घंटे तक हुई वार्ता में मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले ट्रक मालिक सीमेंट ढुलाई रेट आपस में तय कर लें। इसके बाद सरकार इस रेट को लेकर कंपनी प्रबंधन से वार्ता करेगी। गुरुवार को दाड़लाघाट और बरमाणा ट्रक मालिकों से सीमेंट ढुलाई के रेट को लेकर बातचीत करेंगे। इस दौरान जो तय होगा, उसे मुख्यमंत्री को अवगत करा दिया जाएगा और फिर कंपनी से बातचीत करेंगे।
मुख्यमंत्री ने ट्रक ऑपरेटरों से ट्रक भाड़े की अंतिम दरें राज्य सरकार को प्रदान करने का आग्रह किया ताकि इस मामले को संबंधित कंपनी के साथ उठाया जा सके। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ट्रक ऑपरेटरों के साथ है और उनका शोषण सहन नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य के हजारों लोगों की आजीविका सीमेंट फैक्ट्रियों और अन्य गतिविधियों से जुड़ी हुई हैं, इसलिए प्रदेश सरकार इस मामले का समाधान सौहार्दपूर्ण तरीके से करने के लिए प्रतिबद्ध है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव परिवहन आरडी नजीम, निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति, निदेशक परिवहन अनुपम कश्यप और अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे।