आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। कांगड़ा के मशहूर शक्तिपीठ ज्वालामुखी मंदिर में एक श्रद्धालु ने 8 लाख रुपए चढ़ाए। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 19 मई को ऐलान किया कि 2000 के नोट अब चलन में नहीं रहेंगे। इसके अगले ही दिन यानी 20 मई को किसी अनजान श्रद्धालु ने मंदिर परिसर में लगे एक दानपत्र में 2000 रुपए के 400 नोट चढ़ा दिए।
गिनती के लिए 21 मई को दान पात्र खोला तो इसमें 2000 रुपए के नोटों की 4 गड़ियां मिली। प्रत्येक में 100-100 नोट थे। इसी तरह 21 मई को ज्वालामुखी मंदिर में 500 रुपए के 440 नोट, 200 रुपए के 135 नोट, 100 रुपए के 1304 नोट, 50 रुपए के 1024 नोट, 20 रुपए के 1750 और 10 रुपए के 6697 नोट मिले। कुछ सिक्के को मिलाकर 21 मई कुल मिलाकर 13,40,130 रुपए ज्वालामुखी मंदिर के अलग-अलग दान पात्र में मिले।
कुछ नोटबंदी का खौफ तो कुछ आस्था बता रहे
एक भक्त द्वारा 8 लाख दान करने के बाद अलग अलग तरह की चर्चाएं हो रही है। कुछ लोग इसे 8 नवंबर 2016 को की गई नोटबंदी का खौफ बता रहे हैं तो कुछ इसे श्रद्धालु की ज्वाला माता के प्रति आस्था बता रहे है, क्योंकि इस मंदिर में अर्सें से कई श्रद्धालु दिल खोलकर चढ़ावा देते है। नोटबंदी के बाद इसे लोगों में दहशत कहां जाए या मां ज्वालामुखी के प्रति आस्था की एक भक्त ने 2000 के नोट बंद होने पर मां ज्वालामुखी के दरबार में 2000 के 400 नोट यानी आठ लाख रुपए मां ज्वालामुखी के दरबार में चढ़ा दिए।
RBI के 2000 के नोट मार्केट से हटाने के ऐलान से भी कुछ लोग दहशत में है, लेकिन इसके लिए RBI ने पर्याप्त समय दिया है। इसलिए लोग इतनी बड़ी रकम को लेकर चर्चा कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि किस व्यक्ति ने इतना पैसा चढ़ाया है, इसका अभी पता नहीं लग पाया।
नयना देवी-चिंतपूर्णी में भी चढ़े 521 नोट
नयना देवी मंदिर अधिकारी विपन ठाकुर ने बताया कि 19 मई को 2000 के नोट बंद होने की घोषणा के बाद मंदिर में 22 मई शाम तक 2000 के 357 नोट दान के रूप में चढ़ चुके हैं। उधर, माता चिंतपूर्णी मंदिर अधिकारी बलवंत पटियाल ने बताया कि 19 मई से 22 मई तक 164 नोट चढ़ावे के रूप में मिले हैं।