मुसलमानों का प्रवेश वर्जित करने की मांग
आवाज़ ए हिमाचल
वाराणसी, 16 मई। अदालत के आदेश पर वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के सर्वे का काम सोमवार को लगभग सवा 10 बजे पूरा हो गया। जिस आशय से सर्वे कराया जा रहा था उसका उद्देश्य भी लगभग पूरा हो गया।
बताया जा रहा है कि सर्वे टीम को परिसर के एक हिस्से में शिवलिंग नजर आया। सर्वे टीम में शामिल हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने तुरंत वाराणसी कोर्ट में आवेदन दिया।
इसमें कोर्ट को बताया गया कि वहां पर शिवलिंग मिला है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण साक्ष्य है। सीआरपीएफ कमांडेंट को उस जगह को सील करने का आदेश देने की मांग की गई। सीनियर डिविजन के जज रवि कुमार दिवाकर ने तुरंत जिलाधिकारी को उस जगह को सील करने का आदेश दिया।
वादी पक्ष की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता हरिशंकर जैन ने कोर्ट में आवेदन देकर कहा कि सोमवार को सर्वे के दौरान शिवलिंग मस्जिद कॉम्पलेक्स में पाया गया। यह महत्वपूर्ण साक्ष्य है। ऐसे में सीआरपीएफ कमांडेंट को आदेशित किया जाए कि वह इसे सील कर दें। जिलाधिकारी वाराणसी को आदेशित किया जाए कि वहां मुसलमानों का प्रवेश वर्जित कर दें। मात्र 20 मुसलमानों को नमाज अदा करने की इजाजत दी जाए और उन्हें वजू करने से भी तत्काल रोक दिया जाए। अदालत ने इसी आवेदन पर लगभग साढ़े 12 बजे शिवलिंग जिस स्थान पर पाया गया उसे अविलंब सील करने का आदेश दिया।
केशव मौर्या बोले- सनातन हिंदू परंपरा को मिला पौराणिक संदेश
इस मामले में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या ने भी बड़ा बयान दिया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर ज्ञानवापी में बाबा महादेव के प्रकटीकरण ने देश की सनातन हिंदू परंपरा को एक पौराणिक संदेश दिया है।
सर्वे टीम में शामिल एक सदस्य ने बताया कि परिसर के एक हिस्से में जमा पानी को निकलवाया गया। सफाई के बाद पत्थर के नीचे दबा एक शिवलिंग मिला। भूतल से इस शिवलिंग की ऊंचाई लगभग 20 फुट बताई जा रही है। उस स्थान को मुस्लिम पक्ष फव्वारा बता रहा है। यह वही स्थान है जहां वजू किया जाता है। काफी दुर्व्यस्था और दुर्दशा के बीच यह शिवलिंग मिला है।
इस शिवलिंग के मिलने से वादी और हिंदू पक्ष के दावे को बल मिला है। हिंदू पक्ष के अधिवक्ता सुधीर त्रिपाठी ने कहा कि शिवलिंग नंदी महराज के ठीक सामने मिला। हमलोगों ने इस स्थान को सील करने के लिए कोर्ट में आवेदन दिया। जिस पर कोर्ट ने उसे सील करने का आदेश दिया।
डीजीसी सिविल महेंद्र प्रसाद पाण्डेय ने कहा कि पूर्व में शिवलिंग का आकार परिवर्तित करने का प्रयास किया गया था। नंदी के ठीक सामने शिवलिंग मिला है ऐसे में पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग को बल मिला है।