आवाज़ ए हिमाचल
हमीरपुर। जेओए आईटी का पेपर लीक करने की मुख्य आरोपी महिला कर्मचारी का बड़ा बेटा नितिन आजाद भी विजिलेंस की जांच के दायरे में आ गया है। नितिन आजाद आयोगी की दो विभिन्न पोस्ट कोड की छंटनी परीक्षाओं में टॉपर रहा है। हिमाचल प्रदेश राज्य कृषि विपणन बोर्ड की ओर से पोस्ट कोड 899 के तहत भरे जाने वाले ऑक्शन रिकॉर्डर के छह पदों के लिए आयोजित भर्ती परीक्षा में नितिन आजाद की रैंक प्रथम थी। नितिन ने इस परीक्षा में 71.73 अंक हासिल किए, लेकिन कुछ समय बाद ही नौकरी छोड़ दी। इसके बाद नितिन ने पोस्ट कोड 977 के तहत मार्केट सुपरवाइजर की भर्ती परीक्षा में भाग लिया, जिसमें उसने फिर से 70.50 अंक लेकर प्रदेशभर में पांचवां स्थान हासिल किया और नौकरी के लिए चयनित हुआ। विजिलेंस को शक है कि इन दोनों परीक्षाओं के प्रश्नपत्र भी लीक हुए होंगे। इसलिए इन दोनों भर्ती परीक्षाओं के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थियों से कहीं न कहीं अन्याय होने की संभावना है।
विजिलेंस ने मुख्य आरोपी उमा आजाद के बैंक खाते, पति और दोनों बेटों के बैंक खातों की डिटेल भी मांगी है। विजिलेंस पता लगाएगी कि इनके बैंक खाते किस-किस बैंक में हैं और कार, जमीन, फ्लैट समेत क्या-क्या संपत्तियां अर्जित की हैं। विजिलेंस ने पैसे लेकर पेपर लीक करने के मामले में शुक्रवार को आयोग की वरिष्ठ सहायक उमा आजाद, उसके छोटे बेटे निखिल आजाद, घर पर काम करने वाले नीरज, दो अभ्यर्थियों तनु शर्मा और अजय शर्मा के अलावा दलाल संजीव कुमार को गिरफ्तार किया था, जिन्हें शनिवार को हमीरपुर न्यायालय ने 28 दिसंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। अब इस मामले में जल्द ही अन्य संदिग्धों की गिरफ्तारियां भी हो सकती हैं। उधर, राज्य सतर्कता एवं भ्रष्टाचार रोधी ब्यूरो हमीरपुर की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रेणू शर्मा ने कहा कि विजिलेंस उमा के बड़े बेटे को जल्द ही जांच के लिए विजिलेंस थाना बुलाने जा रही है। परिवार के सभी सदस्यों के बैंक खातों व अन्य संपत्तियों की जांच भी जारी है।
आज होगा उमा आजाद का निलंबन
वरिष्ठ सहायक उमा आजाद की गिरफ्तारी को अब 48 घंटे से अधिक का समय बीत चुका है। सोमवार को कर्मचारी चयन आयोग उमा आजाद को वरिष्ठ सहायक के पद से निलंबित करेगा। इसके साथ ही विभागीय कार्रवाई को लेकर भी चयन आयोग के सभी सदस्यों की उपस्थिति में निर्णय लिया जाएगा। गोपनीय शाखा में उमा आजाद की तैनाती पर उठे सवाल- मुख्य आरोपी वरिष्ठ सहायक उमा आजाद की हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग की गोपनीय शाखा में तैनाती पर सवाल उठ रहे हैं। इस नियुक्ति को लेकर आयोग की नियुक्ति कमेटी की कार्यप्रणाली भी संदेह के घेरे में आ गई है। उमा पूर्व में जाली दस्तावेज के एक मामले में काफी विवादों में रही है। आयोग की सिफारिश पर सरकार स्तर से महिला कर्मचारी की तीन वेतन वृद्धियों को रोकने के आदेश पारित हो चुके हैं। वर्तमान में यह मामला न्यायालय में विचाराधीन है। करीब एक दशक पुराने इस मामले के बावजूद उक्त महिला कर्मचारी की गोपनीय शाखा में नियुक्ति अधिकारियों ने किस आधार पर की, इसे लेकर सवाल उठ रहे हैं।
अधिकारी बताते हैं कि उमा कई बार जरूरी काम के लिए देर रात 11 बजे तक भी कार्यालय में काम करती थी। सबसे बड़ा सवाल यह है कि जिस शाखा में उमा की नियुक्ति थी, वहां पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। गोपनीय शाखा में क्या काम हो रहा है, इसे आयोग के सचिव और अध्यक्ष के कमरे में लगी एलईडी स्क्रीन पर आसानी से देखा जा सकता है। यही नहीं गोपनीय शाखा में आयोग के सचिव, चेयरमैन, उपसचिव और आयोग के चार सदस्यों के अलावा किसी को भी प्रवेश की अनुमति नहीं होती है।