आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल प्रदेश कर्मचारी चयन आयोग में पेपर लीक मामला पूर्व भाजपा सरकार का स्यापा है। पूर्व सरकार के कार्यकाल में कई परीक्षाओं के पेपर लीक हुए थे। इसीलिए मैंने शपथ ग्रहण करने के बाद पुलिस अधिकारियों को सतर्क रहने का निर्देश दिया था।
यह बात मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने रविवार को नई दिल्ली से शिमला लौटने के बाद राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बातचीत में कही। सीएम ने कहा कि प्रतियोगी परीक्षाएं आने पर पेपर खरीद गिरोह सक्रिय होते हैं, उस समय पुलिस को सक्रिय रहने के निर्देश दिया। उसका परिणाम है कि मौके पर पेपर लीक करने वाला गिरोह धरदबोचा गया। वर्तमान सरकार व्यवस्था परिवर्तन के लिए है न कि सत्ता-सुख के लिए। उन्होंने कहा कि जेओए आइटी पेपर लीक मामले में गिरफ्तारी से प्रतीत होता है कि प्रदेश में परीक्षा घोटाला पूर्व भाजपा सरकार के कार्यकाल से चला आ रहा है।
सीएम ने कहा कि पूर्व भाजपा सरकार ने अपने कार्यकाल के अंतिम छह माह के दौरान मतदाताओं को गुमराह करने के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, राजस्व और अन्य संस्थान बिना बजट खोलने का निर्णय जल्दबाजी में लिया। इन सभी 590 संस्थानों को क्रियाशील बनाने के लिए करीब 3,000 करोड़ के बजट प्रविधान की आवश्यकता है। प्रदेश सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि राज्य के लोगों की मांग एवं व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए यह संस्थान खोले जाएं।
सीमेंट के दाम होंगे कम, विवाद हो हल निकालने का प्रयास
सीएम सुक्खू ने कहा कि सीमेंट के दामों को कम करवाया जाएगा। इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है। सरकार राज्य में सीमेंट प्लांट से संबंधित मुद्दे के प्रति गंभीर है। सीमेंट प्लांट बंद होने का पूरा मामला प्रबंधन और ट्रक आपरेटर यूनियन के बीच का है। इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। इस मामले को हल करने के लिए उच्च स्तरीय कमेटी कार्य कर रही है। आने वाले दिनों में प्रदेश के लोगों को सीमेंट सस्ती दरों पर उपलब्ध करवाया जाएगा। बरमाणा और दाड़लाघाट में सीमेंट प्लांट बंद होने के संबंध में सोमवार को भी बैठक रखी गई है। सोलन के एसडीएम की अध्यक्षता में ट्रक आपरेटर यूनियन की बैठक होनी है। बरमाणा में भी बैठक होगी।
इस मौके पर मुख्यमंत्री की पत्नी कमलेश ठाकुर, विधायक अनिरुद्ध सिंह, कुलदीप सिंह पठानिया, रघुवीर सिंह बाली व चैतन्य शर्मा, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार सुनील शर्मा इस दौरान उपस्थित थे।