आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। प्रदेश में भारी बारिश, तूफान और ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बर्फबारी से समूचा जनजातीय अस्त-व्यस्त हो गया है। कई क्षेत्र एक बार फिर भयंकर ठंड की चपेट में आ गए हैं और कई जगह भारी भू-स्खलन से कई गांवों का संपर्क भी टूट गया है। दिसंबर में शुरू हुआ ठंड का दौर जून तक पहुंच गया है, इसी कारण प्रदेश के कई हिस्सों में बुधवार को तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। रेणुकाजी-संगड़ाह मार्ग पर गुजरती हुई एक कार पर भारी मलबा आ गिरा, जिससे कार तो पूरी तरह मलबे में दब गई, मगर चार लोगों को बड़ी मुश्किल से रेस्क्यू किया गया। नेरवा में भी एक कार पर बड़ा पेड़ आ गिरा, जिससे कार पूरी तरह ध्वस्त हो गई। चंद्रताल झील को पहली जून से पर्यटकों के लिए खोले जाने की घोषणा के बीच रोहतांग दर्रे पर अच्छी बर्फबारी ने प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है। बुधवार को राजधानी शिमला सहित प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में सुबह से ही भारी बारिश ने सबकुछ धो दिया। लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिला की चोटियों पर अच्छी बर्फबारी हुई है। सिरमौर में बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। कई सडक़ें बंद हैं और बसें फंस गई हैं। कई जगह ओलावृष्टि भी हुई है, जिससे बागवानों की चिंता बढ़ गई है। सोलन, मंडी, कांगड़ा जिलों में भी बारिश दर्ज की गई है। वहीं, शिमला जिला के नेरवा में बारिश के चलते एक पेड़ गिरने से तीन कारों को क्षति पहुंची है। वहीं रेणुकाजी-संगड़ाह मार्ग पर संगड़ाह के साथ ही भारी बारिश के चलते एक कार मलबे के नीचे दब गई।
गनीमत यह रही कि कार में सवार एक ही परिवार के चार लोग, जिनमें दो बच्चे भी शामिल थे, समय पर बाहर निकल गए, नहीं तो जानमाल का नुकसान हो सकता था। हादसा बुधवार सुबह करीब नौ बजे के करीब हुआ। फिलहाल पुलिस ने चारों को रेस्क्यू कर लिया है, जो बिलकुल सुरक्षित हैं। मगर गाड़ी को काफी नुकसान पहुंचा है। बताया जा रहा है कि कार (डीएल 12सीएच-1719) में परिवार नाहन से बोगधार आ रहा था। परिवार को समय रहते ही लैंड स्लाइड की भनक लग गई। तमाम सदस्य कार छोडक़र सुरक्षित जगह पहुंच गए। इसके बाद कुछ ही मिनटों में कार मलबे की चपेट में आ गई और पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई है। उधर, लगातार हो रही भारी मूसलाधार बारिश ने समूचे गिरिपार क्षेत्र में खूब तबाही मचाई है। बारिश से आम लोगों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। तेज बारिश से नाले उफान पर आ गए। कई मुख्य, संपर्क व ग्रामीण मार्ग बंद हो गए हैं। बारिश से मुख्य मार्ग सोलन-मिनस मार्ग चाढऩा के समीप भारी भू-स्खलन से बंद हो गया, जिससे आर पार आधा दर्जन बसें व छोटी गाडिय़ां फंसी रही। मार्ग बंद होने से वाहनों की लंबी-लंबी कतारें लगी रही, जिससे राहगीरों को काफी दिक्कतें पेश आई। मई महीने में प्रदेश के ज्यादात्तर जिलों में अधिकतम तापमान जहां 35 डिग्री के आसपास रहता हैं, तो बुधवार को प्रदेश में सबसे अधिक तामपान सिरमौर के धौलाकुआं में दर्ज किया गया है।