आवाज़ ए हिमाचल
27 नवंबर। शिव मंदिर राम शहर में चल रही भागवत कथा के छठे दिन महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद ने बताया कि जीवात्मा परमात्मा का अंश है जीव जब से ईश्वर से अलग हुआ तब से लेकर आज तक इसे शांति प्राप्त नहीं हुई। माया के कारण यह अपने स्वरूप को भूल गया । गोपियां भगवान की शरण में आ गई धर्मशास्त्र की बात सुना कर भगवान ने उनकी पहले परीक्षा ली उसके बाद फिर गोपियां रास में प्रवेश करती हैं। जीवात्मा का परमात्मा से मिलन होता है। यही रासलीला है। रासलीला की कथा को श्रवण करने से काम क्रोध लोभ समाप्त होते हैं। भगवान ने कंस का वध किया उसके बाद श्री कृष्ण रुक्मणी के साथ विवाह करते हैं।
सभी आश्रमों में गृहस्थ आश्रम सबसे श्रेष्ठ है विवाह में धन का अपव्यय ना करें । समाज में गरीब कन्याओं के विवाह में आगे आएं रुक्मणी मंगल आनंद प्रदान करने वाला है जीव और ब्रह्मा का मिलन है भगवान श्री कृष्ण ने रुकमणी वरण किया रावण ने सीता का हरण किया। परमात्मा जिसका वर्णन करें वह उच्च कोटि का साधक होता है। आज रुकमणी विवाह की भव्य झांकी सजाई गई हजारों भक्तों ने विवाह की बेदी पर बैठे भगवान की झांकी का जीवंत दर्शन किया। आपको बता दें कि प्रतिदिन कथा में हजारों लोग भोजन प्रसाद ग्रहण कर रहे हैं। किशन लाल नरेश कुमार व् उनके परिवार ने द्वारिकाधीश की भव्य आरती उतारी जिससे पूरा पंडाल कृष्णमय हो गया।