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नादौन। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (कन्या) नादौन की प्रतिभावान छात्राओं ने एक बार फिर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन से विद्यालय और नादौन का नाम रोशन किया है। जिला स्तरीय अंडर-19 सांस्कृतिक प्रतियोगिताओं में नादौन विद्यालय की छात्राओं ने संस्कृत श्लोकोच्चारण और संस्कृत गीतिका प्रतियोगिताओं में द्वितीय स्थान प्राप्त कर अपनी कड़ी मेहनत का परिचय दिया।
संस्कृत श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में माहिका मेहरा और कनिका ने अपनी सटीक उच्चारण शैली और समर्पण के साथ अद्वितीय प्रदर्शन किया। वहीं, संस्कृत गीतिका प्रतियोगिता में कनिका, तन्वी ठाकुर और शाइना ने अपनी मधुर आवाज और संगीत के साथ दर्शकों और निर्णायकों को मंत्रमुग्ध किया। दोनों प्रतियोगिताओं में नादौन विद्यालय की छात्राओं का प्रदर्शन अत्यंत सराहनीय रहा, जिससे उन्होंने जिले में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई।
यह उल्लेखनीय सफलता संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया और संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर के सामूहिक प्रयासों और कुशल मार्गदर्शन का परिणाम है। दोनों अध्यापकों ने छात्राओं को प्रतियोगिताओं के लिए न केवल प्रातः और सांयकालीन अतिरिक्त कक्षाओं में तैयार किया, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ मंच पर अपनी कला प्रस्तुत करने के लिए प्रेरित भी किया।
इससे पहले, हिमाचल संस्कृत अकादमी द्वारा आयोजित श्लोकोच्चारण प्रतियोगिता में भी रावमापा कन्या नादौन की कनिका ने प्रथम स्थान और माहिका मेहरा ने मंत्रोच्चारण प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान प्राप्त कर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन का प्रमाण दिया था। यह गौरवपूर्ण उपलब्धि न केवल विद्यालय, बल्कि पूरे क्षेत्र के लिए गर्व की बात है।
विद्यालय की प्रधानाचार्या मंजू रानी ने इस सफलता पर गर्व व्यक्त करते हुए अध्यापकों और छात्राओं को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सफलता परिश्रम, अनुशासन और शिक्षकों के समर्पित प्रयासों का प्रतिफल है। संस्कृत अध्यापक नरेश मलोटिया ने भी अपनी जीत का श्रेय परिश्रमी छात्राओं और कर्मठ संगीत अध्यापक नरेंद्र सिंह ठाकुर को दिया, जिन्होंने इस उपलब्धि के लिए दिन-रात मेहनत की।
गौरतलब है कि पिछले सत्र में भी इस विद्यालय की छात्राओं ने नरेश मलोटिया के नेतृत्व में मंत्रोच्चारण, श्लोकोच्चारण और संस्कृत गीतिका प्रतियोगिताओं में प्रदेश भर में प्रथम स्थान प्राप्त कर विद्यालय को गौरवान्वित किया था। यह सफलता विद्यालय की संस्कृत शिक्षा और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़ती गुणवत्ता का प्रमाण है।
रावमापा कन्या नादौन की यह उपलब्धि न केवल छात्राओं के उज्जवल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि संस्कृत भाषा और संस्कृति के प्रति समर्पण की भी मिसाल है। विद्यालय का यह प्रयास आने वाले समय में अन्य छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बनेगा।