आवाज़ ए हिमाचल
02 मई। ऑक्सीजन बेड और दवाओं के संकट से थोड़ा बहुत उभरने के बाद अब जिला कांगड़ा में इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) बेड का अकाल पड़ गया है। शनिवार को पूरे जिले में गंभीर मरीजों के लिए एक भी आईसीयू बेड नहीं बचा था। टांडा अस्पताल प्रशासन, जिला स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन अब इस गंभीर स्थिति के समक्ष खुद को बेबस महसूस कर रहा है। वर्तमान में पूरे जिले में कोरोना के गंभीर मरीजों का इलाज करने के लिए सिर्फ 40 आईसीयू बेड हैं। ये बेड सिर्फ टांडा अस्पताल में हैं। इसके अलावा किसी अस्पताल में आईसीयू बेड नहीं हैं। निजी अस्पतालों में भी सिर्फ तीन में ही आईसीयू बेड हैं। इनकी संख्या करीब 12 है।
कम दाम के चलते ये तीन निजी अस्पताल अपने आईसीयू बेड सरकार को नहीं देंगे। इन्होंने अपने आधे बेड सिर्फ ऑक्सीजन वाले ही तैयार किए हैं। इसलिए, प्रशासन अब कोरोना के गंभीर रोगियों को लेकर परेशान हो गया है। शनिवार को टांडा अस्पताल में सभी आईसीयू बेड भर गए। सुबह से जब और गंभीर मरीज टांडा अस्पताल भेजे जाने लगे तो सबके हाथ खड़े हो गए। कांगड़ा में रोजाना 500 से ज्यादा लोग कोरोना से संक्रमित हो रहे हैं। 10 से ज्यादा रोजाना कोरोना मरीज मर रहे हैं। ऐसे में स्थिति और ज्यादा विकराल होती जा रही है।