जानलेवा बारिश ने सात और लोगो की ली जान

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आवाज़ ए हिमाचल

शिमला। हिमाचल प्रदेश में बारिश का कहर लगातार जारी है और मंगलवार का बारिश के चलते हुई दुर्घटनाओं में सात लोगों की जान चली गई। इनमें से तीन मौतें नाहन में हुईं, जहां कार पर पत्थर गिरने से तीन लोग काल का ग्रास बन गए। उधर, परवाणू में दो प्रवासी मजदूरों की पहाड़ी से गिरे मलबे में दबने से मौत हो गई। इसी तरह एक-एक मौत किन्नौर और शिमला में दर्ज की गई है। पिछले 72 घंटे की बारिश ने प्रदेश में 35 लोगों की सांसे छीनी हैं, वहीं 307 लोग हिमाचल के अलग-अलग क्षेत्रों में फंसे हुए हैं। मंगलवार को चंद्रताल से सात और किन्नर कैलाश से 34 पर्यटकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार प्रदेश में पांच एनएच समेत 1299 सडक़ें अभी बंद हैं। इनमें शिमला जोन में सबसे ज्यादा 807 सडक़ें बंद है। मंडी जोन में 326, कांगड़ा जोन में 112 और हमीरपुर जोन 49 सडक़ें बंद पड़ी हैं। भारी बारिश के कारण शिमला-कालका रेलवे ट्रैक भी बंद है। भारी बारिश से अब तक 100 से ज्यादा मकान जमींदोज हो गए हैं, जबकि 150 के करीब घरों पर भू-स्खलन की चपेट में आने का खतरा पैदा हो गया है। प्रदेश में बिजली व्यवस्था अभी तक बहाल नहीं हो पाई है। ज्यादातर क्षेत्रों में अंधेरा पसरा हुआ है।

कुल्लू और चंबा जिला में बिजली सबसे ज्यादा ट्रांसफार्मर बंद हैं। शिमला-चंडीगढ़ मार्ग पर परवाणू स्थित चक्की मोड़ पर भू-स्खलन होने के कारण दिन भर बस सेवाएं प्रभावित रही हैं। दोपहर बाद मार्ग को खोला तो गया, लेकिन सडक़पर पत्थरों के गिरने का सिलसिला जारी रहा है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए निगम प्रबंधन ने शिमला-चंडीगढ़ रूट पर शाम छह बजे के बाद यानी नाइट बस सर्विस को स्थगित कर दिया। हालांकि दिल्ली से शिमला व ऊपरी शिमला के जाने वाले लांग रूटों से आने वाली बसें शिमला के चलती रही। निगम अधिकारियों ने बताया कि परवाणू स्थित चक्की मोड में मार्ग आंशिक रूप से खोला गया था, लेकिन यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए और बसों की अधिक आवाजाही न हो, इसके लिए रात्रि बस शिमला-सेवा बंद की है। एचआरटीसी एमडी रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि प्रदेश में हो रही बारिश के कारण प्रदेश मेें 1284 रूट प्रभावित रहे। वहीं 396 बसें फंसी रहीं। उन्होंने बताया कि परवाणू चक्की मोड पर बसों की आवाजाही सही तरीके हो सकें, इसके लिए दो अधिकारी नियुक्त किए गए थे। उन्होंने बताया कि बुधवार को बसें चंडीगढ़ रूट पर भेज जानी हैं या नहीं, यह सडक़ मार्ग की स्थिति के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।

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