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स्वर्ण राणा, नूरपुर। क्षेत्रीय बागवानी एवं प्रशिक्षण अनुसंधान केंद्र जाच्छ में महक परियोजना के अंतर्गत पांच दिवसीय कार्यशाला शनिवार को संपन्न हो गई। इस कार्यशाला में धर्मशाला खंड के उन्नत किसानों को सुगंधित व औषधीय पौधों की खेती, मूल्यवर्धन व व्यापारीकरण का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यशाला में धर्मशाला खंड से आए हुए किसानों ने केंद्र में रहकर ही 5 दिन तक सुगंधित फसलों की खेती व उनके विपणन की जानकारी विशेषज्ञों द्वारा प्राप्त की।
इस कार्यशाला में केंद्र के वानिकी विभाग के प्रमुख डॉ. विपन गुलेरिया ने किसानों को सुगंधित एवं औषधीय पौधों की खेती के गुर सिखाए। इस पांच दिवसीय कार्यशाला में लेमन ग्रास, सिट्रोनेला, जिरेनियम, तुलसी का अर्क व तेल, सफेदे का तेल की तकनीकें किसानों सिखाई गईं। उत्पाद को स्थानीय स्तर पर सहकारी समितियों के द्वारा कैसे इन उत्पादों को एक ब्रांड के रूप में बना करके बेचा जाए इसका भी प्रशिक्षण दिया गया।
इस कार्यशाला में किसानों के लिए पौधों की खेती की जानकारी डॉ. विपन गुलेरिया द्वारा लिखित पुस्तक किसानो को भेंट की गई। इस कार्यशाला में भाग लेने वाले किसानों ने अपने क्षेत्र में जाकर के सुगंधित पौधों की खेती व्यवसाय के रूप में अपनाने का संकल्प किया। कार्यशला में बागवानी विभाग के उप निदेशक निदेशक डॉ. कमल शील नेगी, जाच्छ केंद्र की सह- निदेशक डॉ. अतुल गुप्ता ने भी संबोधित किया। समापन समारोह में बागवानी विभाग के विषय वाद विशेषज्ञ डॉ. हितेंद्र पटियाल ने भी किसानों को जागरूक किया। कार्यशाला में डॉक्टर संजीव चौधरी, सुनील कुमार, धर्मेंद्र कुमार, डॉक्टर राजेश कपूर ने किसानों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी दी।