मंडी में जहरीली शराब के सेवन से हुई थी 7 लोगों की मौत
आवाज़ ए हिमाचल
हमीरपुर, 21 फरवरी। जहरीली शराब मामले में सरकार ने जीरो टोलरेंस की नीति अख्तियार कर ली है। 3 एक्साइज इंस्पेक्टरों को निलंबित करने के बाद अब सरकार ने सहायक आयुक्त राज्य कर एवं आबकारी पर भी ड्यूटी में लापरवाही का ठीकरा फोड़ दिया है। सरकार ने 4असिस्टेंट कमिश्नर एक्साइज की जवाबदेही सुनिश्चित करते हुए उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर दिए हैं। इन चारों वरिष्ठ अधिकारियों को शीघ्र अपना पक्ष रखने के निर्देश दिए हैं।
गौर रहे कि जनवरी माह में मंडी जिले में जहरीली शराब के सेवन से 7 लोगों की मौत हुई थी। इस मामले की जांच के लिए सरकार ने एसआईटी का गठन किया था। गठन के तुरंत बाद एसआईटी ने हमीरपुर जिला के पन्याला में दबिश देकर अवैध शराब की फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया था। एसआईटी ने यहां 515 से अधिक शराब की पेटियां बरामद कर एक दर्जन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही एसआईटी ने हमीरपुर, मंडी, कांगड़ा और सोलन जिले में भी बड़ी मात्रा में अवैध शराब बरामद कर इस मामले में संलिप्त आरोपियों को गिरफ्तार किया।
जिन 4 लोगों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं, उनमें मंडी जिले के 2, जबकि हमीरपुर और कांगड़ा जिले का एक-एक असिस्टेंट कमिश्नर शामिल हैं। संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार इन 4 असिस्टेंट कमिश्नरों को भी निलंबित कर सकती है। इससे पूर्व प्रदेश सरकार ने हमीरपुर के एक्साइज इंस्पेक्टर राजेश कुमार और कांगड़ा के दो एक्साइज इंस्पेक्टरों राम कुमार और राजीव को अपनी ड्यूटी का सही तरीके से निर्वहन न करने पर सस्पेंड कर उनकी शिमला मुख्यालय में तैनाती की है। अब असिस्टेंट कमिश्नर पर भी कार्रवाई की गाज गिर सकती है।
जानकारों का कहना है कि जहरीली शराब मामले में सरकार का इंटेलिजेंस सिस्टम भी फेल हुआ है। हमीरपुर जिला मुख्यालय में शराब की फैक्ट्री चलती रही, लेकिन पुलिस, आईबी, विजिलेंस और सीआईडी समेत अन्य खुफिया एजेंसियों को इस फैक्ट्री की भनक तक नहीं लग पाई, जोकि सिक्योरिटी लैप्स की ओर इंगित करता है।