आवाज़ ए हिमाचल
शिमला, 26 मार्च। युवाओं को कोरोना वायरस से बचाव के लिए भारत में पहली फुली प्रोटीन वैक्सीन को आपात मंजूरी मिल गई है। 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को लगने वाली सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया की नोवावैक्स वैक्सीन भी सुरक्षा कवच के रूप में जुड़ जाएगी।
हाल ही में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने नोवावैक्स को आपात मंजूरी दी है। अब कंपनी की ओर से ग्रीन टिक के लिए बैच सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली को भेजा जाएगा। यहां परीक्षण के बाद कंपनी वैक्सीन को बाजार में उतारेगी।
इसके लिए कंपनी की ओर से प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। भारत में कोरोना वायरस से बच्चों के बचाव के लिए टीकाकरण अभियान तेजी से चला हुआ है। वैक्सीन का उत्पादन करने वाली कंपनियां भी लगातार बैच जांच के लिए सीडीएल कसौली भेज रही हैं।
अब तक सेंट्रल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) ने विभिन्न वैक्सीन के 2,07,05,927 बैच को ग्रीन टिक देकर कंपनियों को भेजा जा चुका है और कंपनियों की ओर से मान्यता प्राप्त बैच को बाजार में उतार दिया है। इसी बीच 12 से 18 आयु वर्ग के बच्चों के लिए आपात स्थिति में नोवावैक्स भी लग पाएगी। यह वैक्सीन कोविशील्ड की तरह प्रोटीन युक्त है।