जरूरत मंद महिलाओं के लिए वरदान महिला सशक्तिकरण संस्थान बडू साहिब

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आवाज़ ए हिमाचल 
                जीडी शर्मा ( राजगढ़ )
6 नवंबर। कलगीधर ट्रस्ट, बड़ू सहिब के संस्थापक संत अतर सिंह मस्तूआणा व संत तेजा सिंह जी (AM Harvard, USA) के आश्य अनुसार शिरोमणि पंथ रतन बाबा इकबाल सिंह जी और डा. खेम सिंह जी (Former V.C., PAU, Ludhiana) ने वैश्विक भाईचारे व विश्व-शांति की स्थापना के लिए मानवीय मूल्यों पर आधारित वैज्ञानिक एवं आध्यात्मिक शिक्षा पद्धति को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण लड़कीयो के लिए अकाल ग्रामीण महिला सशक्तिकरण संस्थान की स्थापना करके उन्हें आर्थिक पक्ष से आत्मनिर्भर हो कर समाज में सम्मानपूर्वक जीवन जीने का अवसर दिया है एवं गुरु नानक देव जी के सन्देश ‘सो किउ मंदा आखीऐ जितु जमहि राजान’ को घर-घर में पहुँचाया। घर की चारदीवारी में रहने वाली पिछड़े वर्ग की ग्रामीण लड़कियों को इस संस्था द्वारा हिमाचल प्रदेश में 4 से 6 वर्ष तक मुफ्त आवासीय ,

स्कूली शिक्षा के बाद उच्च-शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय स्तर तक पढ़ाई करवाई जाती है और योग्यता अनुसार उन्हें टीचर ट्रेनिंग देकर कलगीधर ट्रस्ट द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में अध्यापक के तौर पर नियुक्ति की जाती है। यह संतों की दूरदर्शी सोच थी कि एक पढ़ी लिखी औरत ही घर को सुचारु रूप से चला सकती है। एक लड़की को पढ़ाने का मतलब है एक पूरे परिवार को पढ़ाना। और उसका परिणाम समाज सुधार जो कि आज के समय की आवश्यकता है। इतना ही नहीं, अब लड़कियों के लिए मुफ्त उच्च शिक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है। आज एक पिछड़े ग्रामीण क्षेत्र की लड़की भी विदेश जाकर अपने सपनों को पूरा करने की हकदार है। इसलिए संस्थान इन लड़कियों को नि:शुल्क आई.ई.एल.टी.एस. (IELTS) ट्रेनिंग भी दे रहा है।

इस संस्थान में लड़कियों को दो खंडों में बांटा जाता है:

प्रारंभिक कोर्स: आध्यात्मिक शिक्षा, अंग्रेजी भाषा में निपुणता, 10+1, 10+2 इटर्नल विश्वविद्यालय: B.A. (Hons.) Music, B.A. Humanities,  B.Ed., M.A. Music, M.A. Punjabi, M.A. इंग्लिश, इटर्नल विश्वविद्यालय के संगीत विभाग में केवल अकाल ग्रामीण महिला सशक्तिकरण संस्थान की लड़कियां ही हैं। इन सभी कोर्सों का खर्चा कलगीधर ट्रस्ट बडू साहिब की ओर से किया जाता है।अभी तक सैकडो लडकीया इस सुविधा का लाभ उठा चुकी है ।

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