आवाज ए हिमाचल
02 फरवरी। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने सोमवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से संसद में 2021-22 के लिए प्रस्तुत बजट को कोरोना महामारी से उत्पन्न परिस्थितियों में एक समावेशी, समग्र एवं महत्वाकांक्षी करार दिया है। केंद्रीय बजट को आत्मनिर्भर भारत बनाने वाला बताया है। बजट के राष्ट्रहित का प्रमाण सेंसेक्स में आए दो हजार प्वाइंट की छलांग से लगाया जा सकता है। ये बजट छह स्तंभों पर खड़ा है, जिनमें पहला स्तंभ स्वास्थ्य एवं कल्याण, दूसरा भौतिक, वित्त पूंजी, तीसरा आकांक्षी भारत के लिए समावेशी विकास, चौथा मानव पूंजी में नवजीवन का संचार, पांचवां नवाचार, अनुसंधान और विकास और छठा न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन है।
शिमला स्थित राज्य सचिवालय में सोमवार को केंद्रीय बजट के संबंध में पत्रकारों से बातचीत में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि केंद्रीय बजट में स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए 2.32 लाख करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है जो पिछले वर्ष के 92 हजार करोड़ के मुकाबले 137 प्रतिशत है। प्रधानमंत्री आत्मनिर्भर स्वास्थ्य योजना के तहत आगामी छह वर्षों में 64180 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इससे देश व प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना का सुदृढ़ीकरण होगा।पूंजीगत व्यय के लिए पांच लाख करोड़ रुपये से अधिक का व्यय करने की घोषणा भी स्वागत योग्य है। देश में लोगों को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध करवाने के लिए जल जीवन मिशन के अन्तर्गत 2.87 हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। अब इस मिशन को ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ शहरी क्षेत्रों में भी शुरू किया जाएगा जो एक स्वागत योग्य पहल है। बजट में किसानों व बागवानों के आर्थिक उत्थान के लिए उठाए गए कदम भी सराहनीय हैं। न्यूनतम समर्थन मूल्य पर भी केंद्र सरकार ने समय-समय पर किसानों के हित में निर्णय लिए हैं।
बजट में ग्रामीण अधोसंरचना विकास निधि को 30 हजार करोड़ रुपये से बढ़ाकर 40 हजार करोड़ रुपये करने के निर्णय का भी स्वागत किया है। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर अधोसंरचना का निर्माण हो पाएगा। इस अवसर पर मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जेसी शर्मा, सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के निदेशक हरबंस ङ्क्षसह ब्रासकोन भी मौजूद थे।