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पांवटा साहिब/पालमपुर। जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले कंडी इलाके में शुक्रवार को आतंकवादियों से मुठभेड़ के दौरान हिमाचल प्रदेश के 2 जवान शहीद हो गए। इनमें सिरमाैर जिले के तहत आते शिलाई गांव निवासी पैराट्रूपर प्रमोद नेगी (25) पुत्र देवेंद्र नेगी व कांगड़ा जिले के सुलह विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम पंचायत मरूहूं के गांव चटियाला सूरी निवासी जवान अरविंद कुमार (32) शामिल हैं। दोनों जवानों की शहादत की सूचना उनके परिजनों को सेना के माध्यम से प्राप्त हुई, जिसके बाद शहीद जवानों के घर, गांव और क्षेत्रों में मातम पसर गया है।
वर्ष 2017 में 9 पैरा रैजीमैंट में भर्ती हुए थे प्रमोद नेगी
पैराट्रूपर प्रमोद नेगी वर्ष 2017 में 9 पैरा रैजीमैंट में भर्ती हुए थे और पिछले 2 वर्षों से स्पैशल फोर्स में सेवाएं दे रहे थे। स्पैशल फोर्स में प्रमोद नेगी को रैड कैप से भी सम्मानित किया गया था। प्रमोद नेगी जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में एक सर्च ऑप्रेशन टीम का हिस्सा थे। वह अपने पीछे अपने माता-पिता छोड़ गए हैं। प्रमोद नेगी का छोटा भाई नितेश नेगी भी 2018 में आर्म्ड पंजाब में भर्ती हुआ है।
माता-पिता से कहा था- “सर्च ऑप्रेशन पर जा रहा हूं”
बताया जा रहा है कि प्रमोद नेगी ने शहीद होने से चंद घंटे पहले ही अपने घर माता-पिता से बात की थी। प्रमोद ने बताया था कि वे एक सर्च ऑप्रेेशन पर जा रहे हैं, इसलिए लगभग 10 दिनों तक मोबाइल बंद रहेगा और बात नहीं हो पाएगी। शुक्रवार दोपहर को परिजनों को फोन के माध्यम से प्रमोद नेगी के शहीद होने की सूचना मिली। सूचना मिलने के बाद क्षेत्र के लोग परिजनों को ढांढस देने उनके घर पहुंच रहे हैं। शिलाई के एसडीएम सुरेश कुमार सिंघा ने बताया कि प्रमोद नेगी के शहीद होने की सूचना सेना की तरफ से प्रशासन को मिली है जोकि बहुत दुखदायी है। शनिवार को शहीद की पार्थिव देह गांव में पहुंचने की उम्मीद है।
2 माह पहले ही छुट्टी काटकर ड्यूटी पर लौटे थे अरविंद कुमार
विकास खंड सुलह के अंतर्गत आने वाली ग्राम पंचायत मरूहूं के गांव चटियाला सूरी के अरविंद कुमार भारतीय सेना की 9 पैरा रैजीमैंंट में पिछले 12 वर्षों से तैनात थे और श्रीनगर के कुपवाड़ा में अपनी सेवाएं दे रहे थे। अरविंद अपने पीछे 2 बेटियां (4 और 2 वर्ष), पत्नी बिंदु देवी और बुजुर्ग माता-पिता उज्ज्वल सिंह व निर्मला देवी को छोड़ गए हैं। अरविंद की शहादत की खबर उनके परिजनों को शुक्रवार दोपहर बाद पता चली। इसके बाद शहीद के घर व गांव में शोक की लहर है। बताया जा रहा है कि अरविंद कुमार अभी 2 महीने पहले ही छुट्टी काट कर वापस ड्यूटी पर गए थे। छुट्टी के दौरान उन्होंने अपनी छोटी बेटी की नाक का ऑप्रेशन दिल्ली में कराया था। भाई ने बताया कि उन्हें सेना की ओर से फोन पर बताया गया कि उनके भाई को गोली लगी है ओर वह घायल हैं। जब वह घर पर आए तो दोबारा फोन आया कि अरविंद आतंकी मुठभेड़ में शहीद हो गए।