पीएजीडी की कश्मीरी पंडितों से घाटी न छोड़ने की अपील
आवाज़ ए हिमाचल
जम्मू, 16 मई। आतंकवादी समूह लश्कर-ए-इस्लाम ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में रह रहे कश्मीरी पंडितों को धमकी देते हुए घाटी से चलने जाने की धमकी दी है। लश्कर ने एक धमकी भरा पत्र जारी कर लिखा है, हवाल ट्रांजिट आवास में रह रहे कश्मीरी पंडित सरकारी कर्मचारी घाटी छोड़ दें या मौत का सामना करने के लिए तैयार रहें।\
वहीं, दूसरी तरफ कश्मीरी पंडित कर्मचारी राहलु भट की आतंकियों द्वारा की गई हत्या तथा समुदाय की चिंताओं को लेकर रविवार को भाजपा और पीपुल्स अलायंस फॉर गुपकार डिक्लरेशन (पीएजीडी) के प्रतिनिधिमंडल ने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से मुलाकात की। दोनों ने पंडितों की सुरक्षा का मुद्दा उठाते हुए सरकार से इस पर गंभीरतापूर्वक विचार करने का आग्रह किया।
मुलाकात के बाद पीएजीडी ने कश्मीरी पंडित कर्मचारियों से अपील की है कि वे घाटी छोड़कर नहीं जाएं। यह उनका घर है और यहां से उनका जाना सभी के लिए पीड़ादायक होगा। ज्ञात हो कि समुदाय के सदस्यों की आतंकवादियों द्वारा की गई लक्षित हत्या के बाद समुदाय के लोगों ने उन्हें दूसरे स्थान पर बसाने की मांग की है।
पीएजीडी के अध्यक्ष डॉ. फारूक अब्दुल्ला के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने उप राज्यपाल मनोज सिन्हा से राजभवन में मुलाकात कर ताजा घटनाक्रम के साथ ही राज्य के हालात पर चर्चा की। मुलाकात के बाद पांच दलों के गठबंधन के प्रवक्ता एमवाई तारिगामी ने कहा कि घाटी कश्मीरी पंडितों का भी उतना ही घर है जितना कश्मीरी मुस्लिमों का। हम उनसे अपील करते हैं कि आप अपने घर को छोड़कर नहीं जाएं। यह हमारे और आपके लिए पीड़ादायक होगा। अगर कश्मीरी पंडित राहुल भट की हत्या के मद्देनजर कश्मीर छोड़ना चाहते हैं तो मारे गए कश्मीरी मुस्लिमों के परिवारों का क्या होगा। अगर राहुल की हत्या हुई तो पुलिसकर्मी रियाज भी मारे गए हैं। रियाज का परिवार और रिश्तेदार कहां जाएंगे। आपको अपना घर नहीं छोड़ना चाहिए। हम इस त्रासदी का मिलकर सामना करेंगे और एक दूसरे की रक्षा करेंगे।
प्रतिनिधिमंडल में पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, माकपा नेता तारिगामी, नेशनल कांफ्रेंस सांसद हसनैन मसूदी और अवामी नेशनल कांफ्रें स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष मुजफ्फ र शाह शामिल थे।
भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने भी प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र रैना के नेतृत्व में उप राज्यपाल से मुलाकात कर कश्मीरी पंडितों के मुद्दों को उठाया। रैना ने राजभवन के बाहर संवाददाताओं से कहा कि हमने अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों और उत्तर प्रदेश व बिहार के मजदूरों की लक्षित हत्या का मुद्दा उप राज्यपाल के समक्ष उठाया। यह कश्मीर को दर्द देने की पाकिस्तान की शैतानी चाल है। ये हत्याएं गंभीर चिंता का विषय है। कश्मीरी पंडितों को पुख्ता सुरक्षा मुहैया कराने के साथ ही उनकी हर समस्याओं का समाधान करने की भी मांग की गई।