आवाज ए हिमाचल
स्वर्ण राणा, नूरपुर। अखिल भारतीय गद्दी जनजातीय विकास समिति के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं पूर्व सदस्य गद्दी कल्याण बोर्ड के मदन भरमौरी एवं जगदीश चौहान महासचिव जनजाति विभाग हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने वीरवार को जिलाधीश कांगड़ा को उपमंडल नागरिक दंडाधिकारी नूरपुर के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है। मदन भरमौरी ने जिलाधीश कांगड़ा को ज्ञापन के माध्यम से नूरपुर प्रशासन और नूरपुर पुलिस पर आरोप लगाया है कि प्रधान सचिव जनजाति विकास विभाग जिलाधीश कांगड़ा को बार-बार पत्राचार कर रहा है कि जनजातीय भवन जसूर गद्दी यूनियन के जाली दस्तावेज की जांच करवाने के आदेश दिए थे पर पुलिस ने अभी तक कोई भी कार्रवाई नहीं की है।
उन्होंने कहा कि प्रशासन की लापरवाही के चलते जनजातीय भवन का तीसरी बार स्थानान्तरण हुआ है। गेही लगोड़ नामक स्थान पर जनजातीय भवन का अवैध रूप से निर्माण कार्य भी आरम्भ हो गया है जिस कारण समस्त गद्दी समुदाय आहत एवं त्रस्त है। उन्होंने डीसी को लिखे ज्ञापन में लिखा है कि हम आपके (डीसी) माध्यम से जानना चाहते हैं कि प्रधान सचिव, जनजातीय विकास विभाग (हि.प्र. ) द्वारा दिए उपर्युक्त आदेशों से संबंधी अभी तक क्या कार्यवाही हुई है और यदि कोई कार्यवाही नहीं हुई है तो क्यूँ नहीं हुई है आखिरकार उपर्युक्त आदेशों की दिनाँक 01.05.2022 से अवहेलना क्यों की जा रही है? 9 महीने पूर्ण होने को हैं लेकिन अभी तक कोई सकारात्मक और संतोषजनक कार्यवाही धरातल पर नहीं दिखी है, दोनों ही परिस्थितियों को स्पष्ट कर जनजातीय भवन के संबंध में जिलाधीश कांगड़ा उपमंडल नागरिक दंडाधिकारी व नूरपुर पुलिस से मांग की है कि इसकी निष्पक्ष जांच करवाई जाए व अवैध रूप से बन रहे गेही लगोड़ में जनजातीय भवन के ऊपर भी रोक लगाई जाए। उन्होंने कहा कि जिस जगह के लिए पैसा मंजूर हुआ है उसे वहां पर ही खर्च किया जाए। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द गद्दी समुदाय का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री व जनजाति विकास मंत्री व लोक निर्माण विभाग मंत्री को भी इस बारे अवगत करवाएगा।