आवाज़ ए हिमाचल
मनीष ठाकुर, भरमौर। महिला एवं बाल विकास भरमौर के तत्वाधान में आज जनजातीय क्षेत्र भरमौर में 20 मार्च से 3 अप्रैल तक आयोजित किए गए पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम का समापन हुआ। कार्यक्रम में तहसीलदार व कार्यकारी उप मंडल अधिकारी अशोक पठानिया ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
इस दौरान उन्होंने उपस्थित लोगों को जानकारी देते हुए बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय महिलाओं व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को मोटे अनाज जैसे की कोदा, कावनी, रागी, फाफरा, ओगला के फायदों के बारे में जागरूकता लाना था। उन्होंने कहा कि आयोजित किए गए पोषण पखवाड़ा कार्यक्रम में सक्षम आंगनबाड़ी केंद्रों के द्वारा क्षेत्र में जागरूकता लाने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिदृश्य के दृष्टिगत स्वस्थ आहार में पोषक तत्वों का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि मोटे अनाज में पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व पाए जाते हैं इसलिए मोटे अनाज को बच्चों के आहार में अपनाने की आदत बनानी चाहिए। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को पंचायत स्तर पर जागरूक रहने का उपदेश दिया ताकि लोग अधिक से अधिक मोटे अनाज के प्रति जागरुक हों।
इस अवसर पर बाल विकास अधिकारी सुभाष दियोलिया द्वारा बताया गया कि मोटे अनाज के चलन को प्रोत्साहित करना जरूरी है। इन अनाजों में सभी आवश्यक पोषक तत्व पाए जाते हैं तथा यह हमारी दैनिक कैलोरी की मात्रा को पूरा करते हैं तथा रक्तचाप, मधुमेह आदि बीमारियों को दूर रखते हैं। उन्होंने इस अवसर पर उपस्थित आंगनवाडी कार्यकर्ताओं और महिलाओं को अपने आस पास अन्य लोगों को भी जागरूक करने को कहा।
इस अवसर पर महिलाओं द्वारा स्थानीय मोटे अनाजों से बने व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई जिसका अवलोकन मुख्य अतिथि द्वारा किया गयाl
कार्यक्रम में डॉ शुभम शर्मा द्वारा स्थानीय बच्चों के विकास के आयाम की भी जांच की। इस दौरान महिलाओं व बच्चों द्वारा कार्यक्रम से संबंधित विभिन्न गतिविधियां आयोजित की गई जिसके लिए मुख्य अतिथि द्वारा उन्हें पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर विभिन्न विभागों के अधिकारी व कर्मचारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा वर्कर सहित अन्य लोग उपस्थित रहे।