आवाज़ ए हिमाचल
कीव, 21 फरवरी। यूक्रेन पर रूस के हमले का खतरा लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां अमरीका और यूरोपीय देशों ने पहले ही राजनयिकों और नागरिकों को देश से निकलने की सलाह जारी कर दी थी, वहीं अब भारत ने भी युद्ध के गहराते संकट के बीच अपने छात्रों और नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा है। यूक्रेन की राजधानी कीव में स्थित भारतीय दूतावास ने रविवार को जारी की गई एडवायजरी में कहा कि यूक्रेन में बढ़ते तनाव के चलते वे भारतीय नागरिक, जिनका रुकना जरूरी न हो और सभी छात्र अस्थायी तौर पर लौटने की तैयारी कर लें।
भारतीय छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे चार्टर फ्लाइट्स के लिए अपने कॉन्ट्रैक्टर्स से संपर्क करें। रूस और यूक्रेन के बीच चल रहा घमासान काफी तनावपूर्ण स्तर पर पहुंच गया है। दरअसल, यूक्रेन की सेना ने दावा करते हुए कहा है कि शनिवार को पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक अलगाववादियों द्वारा की गई गोलाबारी में उसके दो सैनिक मारे गए हैं और चार घायल हो गए।
रूस द्वारा इस कार्रवाई के बाद दोनों देशों के बीच जंग छिड़ने की संभावना बढ़ती जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार जहां इस सप्ताह हिंसा भड़कने की आशंका है वहीं यह रूसी सैन्य कार्रवाई के लिए ट्रिगर हो सकता है। यूक्त्रेनी सेना ने अपने फेसबुक पेज पर कहा कि उसने पिछले 24 घंटों में 66 मामलों की तुलना में दिन की शुरुआत से रूसी अलगाववादियों द्वारा 70 संघर्ष विराम उल्लंघन दर्ज किए हैं।
इस घटना के बाद यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की की पार्टी के एक प्रवक्ता ने शनिवार को एक बयान जारी करते हुए कहा कि रूसी अलगाववादियों द्वारा हमले के बाद संघर्ष क्षेत्र का दौरा करने वाले सैन्य अधिकारियों, सांसदों और विदेशी मीडिया का एक समूह आग की चपेट में आ गया और उन्हें एक आश्रय स्थल में ले जाना पड़ा।
प्रवक्ता ने कहा कि रूसी अलगाववादी बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन कर रहे हैं। वहीं, इसके उलट रूसी अलगाववादी अधिकारियों ने सोशल मीडिया साइट टेलीग्राम पर एक बयान जारी कर यूक्रेन पर ही आरोप लगा दिया। इस बयान में कहा गया है कि यूक्रेन ने ही पहले अलगाववादी-नियंत्रित क्षेत्रों में गोलाबारी किया इसलिए इस हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा।