आवाज ए हिमाचल
11 जनवरी। 265 करोड़ के छात्रवृत्ति घोटाले से जुड़े केसी इंस्टीट्यूट ऑफ नवांशहर में हुए 11.33 करोड़ के घोटाले के मामले में सीबीआई ने बैंक के तीन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है। सूत्रों के मुताबिक इनके खिलाफ आपराधिक मामला बनाने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं मिल पाएं हैं। मगर छानबीन में पता चला है इन अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी का ईमानदारी से निर्वहन नहीं किया।
इस वजह से गैर कानूनी तरीके से खातों से करोड़ों की छात्रवृत्ति की निकासी हो गई है। अगर इन अधिकारियों ने अपनी ड्यूटी का उचित तरीके से निर्वहन किया होता तो इस घोटाले को होने से रोका जा सकता है। इसको देखते हुए केंद्रीय जांच एजेंसी ने इनके खिलाफ बैंक प्रबंधन को विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की है। हालांकि इस मामले में बैंक के एक कर्मी एसपी सिंह को सीबीआई ने चार्जशीट में आरोपी बनाया है।
मगर इन इन अधिकारियों की कार्यप्रणाली भी नियमों के तहत नहीं पाई गई है। अभी तक जांच में पता चला है कि किस तरह से संस्थानों ने विद्यार्थियों के नाम पर खाते बनाकर फर्जी तरीके से वाउचर भरकर करोड़ों की छात्रवृत्ति हड़प ली। इसमें ज्यादातर छात्र ऐसे थे, जिन्होंने इन संस्थानों से पढ़ाई ही नहीं की गई। इसमें बैंकों की मिलीभगत भी सामने आई है।