आवाज ए हिमाचल
26 जनवरी। पंचायती राज चुनावों में लापरवाही करने वाले कर्मियों पर गाज गिरनी शुरू हो गई है। पांच जिलों में 14 लापरवाह कर्मचारी सस्पेंड कर दिए गए हैं। कई कर्मचारियों ने बैलेट पेपरों पर मतदाताओं के नाम लिख दिए थे, जबकि कई जगहों पर कर्मचारी फोन ऑफ करके घर बैठे थे और चुनाव ड्यूटी पर ही नहीं पहुंचे थे। सभी के खिलाफ उनके विभाग इन्क्वायरी करेंगे, जिसके बाद चुनाव आयोग ऐसे कर्मचारियों पर एक्शन लेगा। चुनावों में कोताही बरतने के मामले में कांगड़ा जिला में दो एआरओ, शिमला में पीठासीन अधिकारी समेत दो पोलिंग ऑफिसर्ज, सिरमौर में चार कर्मचारी तथा बिलासपुर में एक कर्मी सस्पेंड किया गया है। इसी तरह मंडी में भी तीन कर्मचारियों पर गाज गिरने वाली है। यहां पर भी चुनावों के दौरान लापरवाही बरती गई थी। सभी जिलों से ये केस इलेक्शन कमीशन को भेजे जाएंगे, जिसके बाद कमीशन इन्हें कर्मचारियों के विभागों के मुखियाओं के पास भेजता है। इसके बाद विभागीय कार्रवाई की जाती है।
विभाग एक तरह की इन्क्वायरी करता है, जिसकी रिपोर्ट दोबारा से इलेक्शन कमीशन को भेजी जाती है। बाद में कमीशन यह तय करता है कि कर्मचारियों पर किस तरह से कार्रवाई करनी है। जिलों के डीसी लापरवाही बरतने वाले कर्मचारियों को चार्जशीट करते हैं। शिमला जिला में सैंज, बलग और जैस पंचायतों में बैलेट पेपरों पर वोटरों के ही नाम लिख दिए थे। इस हिसाब से यहां पर मतदाताओं की गोपनीयता को भंग करने का मामला पाया गया। इसके चलते यहां पर दोबारा से मतदान करवाना पड़ा था। इसके अलावा सिरमौर में एक अजीब वाक्या सामने आया था, यहां पर चुनावी ड्यूटी में तैनात चार कर्मचारियों ने ड्यूटी पर जाने से पहले ही फोन ऑफ कर दिए थे। ड्यूटी पर भी ये नहीं पहुंचे, जिसके बाद इन सभी को चार्जशीट कर दिया गया। कांगड़ा में भी इसी तरह की लापरवाही पोलिंग बूथों पर सामने आई थी। बिलासपुर में भी कर्मचारियों की ओर से लापरवाही बरती गई है।