चीन ने कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए दक्षिण एशिया के कुछ देशों के विदेश मंत्रियों की से बैठक का आयोजन किया

Spread the love

आवाज ए हिमाचल

28 अप्रैल। चीन ने कोरोना की स्थिति से निपटने के लिए दक्षिण एशिया के कुछ देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक का आयोजन किया। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने विदेश मंत्री स्तर की वार्ता के लिए पाकिस्तान, अफगानिस्तान, नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश को आमंत्रित किया। बैठक के दौरान वांग यी ने कोरोना से निपटने के लिए विविध और स्थिर वैक्सीन आपूर्ति की खातिर लचीले तरीकों का प्रस्ताव दिया।

भारत, मालदीव और भूटान रहे अनुपस्थित

भारत, मालदीव और भूटान बैठक से अनुपस्थित रहे। हालांकि, चीन ने कहा कि वर्चुअल तरीके से होने वाला यह कार्यक्रम भारत समेत क्षेत्र के सभी देशों के लिए खुला है।

बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया

बैठक में भारत को आमंत्रित क्यों नहीं किया गया, यह पूछे जाने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि चीन खुलेपन और समावेश की भावना का पालन करता है। उन्होंने कहा, यह बैठक भारत समेत दक्षिण एशिया के सभी देशों के लिए खुली है। हम सभी देशों की भागीदारी का स्वागत करते हैं।

चीन ने कहा- हम भारत के साथ काम करने को तैयार

महामारी का सामना कर रहे भारत को चीन की मदद की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर वांग ने कहा, चीन ने पहले ही भारत को मदद मुहैया कराने की इच्छा जताई थी। उन्होंने कहा, हम चीनी कंपनियों को आक्सीजन कंसंट्रेटर और अन्य जरूरी चिकित्सकीय सामान मुहैया कराने के संबंध में भारत की मांग को पूरा करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। विभिन्न तरीके से सहयोग को लेकर हम भारत के साथ काम करने को तैयार है। हमें यकीन है कि भारत इस वायरस को खत्म कर देगा।

बाहरी ताकतों के सैन्य गठबंधन का विरोध करे चीन और बांग्लादेश

चीन के विदेश मंत्री वेई फेंग ने मंगलवार को कहा कि चीन और बांग्लादेश को दक्षिण एशिया में बाहरी शक्तियों द्वारा सैन्य गठबंधन बनाने का विरोध करना चाहिए। वेई ने यह टिप्पणी बांग्लादेश के राष्ट्रपति अब्दुल हमीद के साथ बैठक के दौरान की। दोनों नेताओं ने द्विपक्षीय सैन्य सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई। वेई की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है, जब भारत, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और जापान क्वाड के तहत अपना सैन्य सहयोग बढ़ाने की तैयारी कर रहे हैं। इसे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में चीन की आक्रामकता का जवाब माना जा रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *