आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। भारत में बेरोजगारी दर में लगातार बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमटीई) के मुताबिक अप्रैल में यह बढक़र चार महीने के उच्चतम स्तर 8.11 फीसदी पर पहुंच गई है। इससे पहले मार्च में बेरोजगारी दर 7.80 फीसदी पर थी। वहीं फरवरी में यह 7.45 फीसदी रही थी। अप्रैल में शहरी बेरोजगारी दर 8.51 फीसदी से बढक़र 9.81 फीसदी हो गई। हालांकि अप्रैल में ग्रामीण बेरोजगारी में मामूली गिरावट देखने को मिली है। यह 7.34 फीसदी हो गई, जो एक महीने पहले 7.47 फीसदी थी। सीएमटीई के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था की सेहत को बेरोजगारी दर सही तरह से दर्शाती है, क्योंकि यह देश की कुल जनसंख्या में कितने बेरोजगार हैं, इसको बताती है। थिंक टैंक को उम्मीद है कि रबी फसल की बुआई की शुरुआत में तेजी देखने को मिल सकती है।
इसका मतलब है कि चालू वित्त वर्ष में एग्री सेक्टर एक बार फिर शानदार प्रदर्शन करेगा। इससे प्रवासी मजदूर खेतों की ओर वापसी करेंगे और ग्रामीण रोजगार में बढ़ोतरी होगी। बेरोजगारी दर 8.11 फीसदी रहने का मतलब यह है कि काम करने को तैयार हर 1000 वर्कर में से 81 को काम नहीं मिल पाया।