आवाज़ ए हिमाचल
बद्दी। ट्राइजल फॉर्मूलेशन द्वारा निर्मित नकली दवाओं के लिए फॉयल प्रिंटिंग करने के मामले में धरे गए दोनों आरोपी मार्च माह में पकड़ी गई साईपर फार्मा के लिए भी फॉयल प्रिंटिंग करते थे। यही नहीं, फूड सप्लीमेंट की आड़ में नकली दवा निर्माण में संलिप्त रही आर्य फार्मा और वर्ष 2020 में सामने आई ऐसी ही एक फर्म के लिए भी इन दोनों आरोपियों ने फॉयल प्रिंटिंग का काम किया था। बता दें कि बीते सोमवार को राज्य दवा नियंत्रक प्राधिकरण की टीम ने झाड़माजरी स्थित आदर्श इंडस्ट्री में दबिश देकरदो कारोबारियोंं को धर दबोचा था, दोनों आरोपी सगे भाई है और अब तक करीब नकली दवाओं में संलिप्त रहे चार उद्योगों के लिए फायल प्रिंटिंग का काम कर रहे थे। प्राधिकरण की टीम ने जांच के दौरान आदर्श इंडस्ट्री से नकली दवा निर्माता उद्योगों को सप्लाई किए फॉयल के बिल बरामद किए है साथ ही मशीनरी को कब्जे में ले लिया है। दोनों आरोपियों को मंगलवार शाम कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें तीन दिन के रिमांड पर भेजा है।
पड़ताल में सामने आया है कि इदरीश मोहम्मद बद्दी में फार्मा से जुड़ा व्यापार करता था। उसे फार्मा उद्योग की तमाम बारीकियां पता थी। मोहित बंसल ने इसी का लाभ उठाया, सबसे पहले उसने परवाणू से इदरीश के माध्यम से मशीनें खरीदी। इदरीश ही मोहित को आगरा व अन्य स्थानों पर माल भेजने के लिए फर्जी बिल उपलब्ध करवाता था। मोहम्मद इदरीश ने रिमांड के दौरान ही झाड़माजरी में फॉयल प्रिंटिंग करवाने का खुलासा किया, जिसके आधार पर सोमवार देर शाम को प्राधिकरण की टीम ने पुलिस के सहयोग से आदर्श फॉयल प्रिंटिंग यूनिट में नकली दवा के इस कारोबार में शामिल बृजेश व वीरेंद्र निवासी प्रतापगढ़ उतर प्रदेश को गिरफ्तार किया है। दोनों वर्ष 2018 से बरोटीवाला के झाड़माजरी में इंडस्ट्री का संचालन कर रहे थे।