चम्बा मनोहर हत्याकांड: भीड़ की आड़ में सबूत मिटाने की आशंका, खुफिया एजेंसियां अलर्ट

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आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल में रोंगटे खड़े करने वाले मनोहर हत्याकांड पर बवाल मचा हुआ है। मनोहर का शव एक बोरे में कई टुकड़ों में बरामद हुआ है। एक विशेष समुदाय के परिवार पर हत्या का आरोप है। पुलिस ने परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। फ़िलहाल पुलिस ने कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया है।

इस मुद्दे पर मुख्य विपक्षी दल भाजपा के नेता सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर द्वारा मामले की एनआईए जांच की मांग ने मामले को गम्भीर बना दिया है। दरअसल जयराम ठाकुर ने बयान दिया है कि वर्ष 1998 में जब चम्बा के एक गांव में जम्मू-कश्मीर के आतंकियों ने 35 लोगों को मौत के घाट उतारा था तो उस मामले में भी आरोपी को जांच में शामिल किया गया था। तब आरोपी ने सभी सबूतों को नष्ट करने का प्रयास किया था। नेता प्रतिपक्ष की एनआईए जांच की मांग पर खुफिया एजेंसियां भी अलर्ट हैं।

गौर करने वाली बात यह है कि गुरुवार शाम को जब भीड़ द्वारा आरोपी परिवार के दोनों घरों को आग लगाई गई, तो इस बात की भी आशंका उठ रही है कि कहीं भीड़ की आड़ में सबूत नष्ट करने के मकसद से अग्निकांड को अंजाम दिया गया है। अगर आतंकी एंगल से जांच एजेंसियां जांच को आगे बढ़ाती हैं, तो अभियुक्तों के दोनों घर खाक होने से एजेंसियों को निराशा हाथ लगेगी। बहरहाल पुलिस ने घरों को फूंकने के आरोप में 10 लोगों को हिरासत में लिया है। भाजपा की इस घटना के तार आतंकवादियो से जोड़ने के सवाल पर राज्य के एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी का कहना है कि यह जांच का विषय है तथा हत्यारोपियों के पिछले आपराधिक रिकार्ड को भी खंगाला जा रहा है।

बता दें कि मनोहर लाल बीते छह जून से लापता था। नौ जून को उसकी लाश नाले में पड़ी एक बोरी से बरामद हुई। शव के 7-8 टुकड़े किए गए थे। पुलिस ने हत्याकांड में संलिप्त परिवार के पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह सभी लोग एक विशेष समुदाय के हैं। इस युवक को जघन्य तरीके से मौत के घाट उतारा गया था।

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