आवाज़ ए हिमाचल
30 जनवरी। उपमंडल देहरा के तहत दी चनौर कृषि सेवा समिति सीमित पर उसके शेयर होल्डर्स ने अनियमितता के आरोप लगाए हैं। शेयर होल्डर्स का आरोप है कि उन्हें वर्ष 2017 के बाद से लाभांश नहीं दिया जा रहा है। साथ ही वर्ष 2017 में वाटर आरओ की खरीद में भी भारी अनियमितता है। शेयर होल्डर्स का यह भी आरोप है कि पिछले तीन साल से समिति की आम बैठक तक नहीं बुलाई गई है और पुरानी कार्यकारिणी को ही पुन: चुन लिया गया है। जिससे वाटर आरओ की खरीद की जांच नहीं हो पा रही है। दी चनौर कृषि सेवा समिति सीमित के शेयर होल्डर्स वेद प्रकाश, सुभाष सिंह, गिरधारी लाल, रमेश कुमार शर्मा, लेख राज, कर्म चंद, सतीश कुमार, परमजीत सिंह आदि ने आरोप लगाया है कि कार्यकारिणी ने शेयर होल्डर्स की सहमति के बगैर करोड़ों रुपये के वाटर आरओ खरीद लिए।
उपरोक्त शेयर होल्डर्स के अनुसार तत्कालीन कार्यकारिणी ने 2235 वाटर आरओ प्रति आरओ करीब 11 हजार 970 रुपये के खरीदे। इन सभी वाटर आरओ की कीमत करीब 2 करोड़ 67 लाख 52 हजार 950 रुपये है। शेयर होल्डर्स का आरोप है कि बाजार में इस वाटर आरओ की बाजारी कीमत काफी कम है। उन्होंने कहा करीब तीन साल पहले इन वाटर आरओ को खरीदा गया था। वह आज भी समिति के गोदाम में रखे हुए हैं, जिससे पता चलता है कि खरीद में भारी अनियमितता है। तत्कालीन कमेटी ने भी अपनी जिम्मेदारी को सही तरीके से नहीं निभाया और सहकारी समिति के हिस्सेदारों रकम को बर्वाद कर दिया।
वहीं सभा के सचिव राजेश सिंह का कहना है कि एआरओ कार्यालय के लिखित निर्देश के बाद ही लाभांश नहीं दिया जा रहा है, क्योंकि वाटर आरओ खरीद की जांच चल रही है। उन्होंने कहा कि कार्यकारिणी का चुनाव सही तरीके से हुआ है।सहायक पंजीयक अधिकारी देहरा वीना भाटिया का कहना है ब्याज हर साल दिया जाता है। लाभांश के लिए कार्यकारिणी ने कोई प्रस्ताव पारित किया है तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं है और हम इसमें कुछ नहीं कर सकते हैं। यह शेयर होल्डर्स की मैनेजमेंट है। आम बैठक हर साल होती है। कोविड के कारण पिछले साल बैठक नहीं हुई होगी। उन्होंने कहा वाटर आरओ की जांच सहकारी एक्ट 691 के तहत हो चुकी है और 692 के तहत वह कर रही हैं। डीएसपी देहरा के पास भी ये मामला है। वाटर आरओ डीलर को समन भेजे जाते हैं लेकिन वह लेता नहीं है और वापस आ जाते हैं।