आवाज़ ए हिमाचल
नरपुर। चक्की खड्ड पर रेलवे पुल के बहने और पंजाब की तरफ से एनएच-154 पर बने पुल के पहले पिलर के पास लगभग 40 फीट गहरा गड्ढा हो गया है। इस कारण उसके आसपास की जमीन के धंसने के कारण पुल को खतरा पैदा हो गया है। संभावित खतरे को देखते हुए सुरक्षा कारणों से चक्की पुल पर यातायात को एक बार फिर से रोक दिया गया है। अब यहां से ट्रैफिक को वाया लोधवां डायवर्ट कर दिया गया है।
3 दिन के यातायात के लिए बहाल किया गया कंडवाल स्थित चक्की सड़क पुल लगभग 27 घंटे बाद एनएचएआई की रिपोर्ट पर प्रशासन ने बंद कर दिया है।
एनएचएआई के परियोजना निदेशक अनिल सेन ने बारिश से पानी का बहाव बढ़ जाने के कारण पुल की सुरक्षा को लेकर कांगड़ा व पठानकोट के उपायुक्तों को मेल करके तुरंत प्रभाव से चक्की पुल पर यातायात बंद करने को कहा है। जानकारी के अनुसार पहाड़ी क्षेत्रों में हुई बारिश के कारण चक्की पुल के दो पिल्लरों पी-1 तथा पी-2 के पास पानी का बहाव ज्यादा हो गया था जिससे पिल्लरों को खतरा पैदा हो गया था। इसके चलते संबंधित विभाग ने तुरंत प्रभाव से पुल को यातायात के लिए बंद करवा दिया। पुल के दो पिल्लर पानी के तेज बहाव के कारण काफी बाहर आ गए हैं। पिल्लरों के पास खाई बन रही है। अत: पिल्लरों को सुरक्षित करने के लिए मशीनों से पानी को डायवर्ट किया जा रहा है।
प्रोजैक्ट निदेशक अनिल सेन ने बताया कि पानी को डायवर्ट करने का कार्य प्रगति पर है। उन्होंने कहा कि इसके लिए आर्मी की सहायता भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि पानी को डायवर्ट करने के बाद पिल्लरों को सुरक्षा प्रदान करने के लिए क्रेट वर्क आदि किया जाएगा।
लोगों को करना पड़ रहा 20-25 किलोमीटर अतिरिक्त सफर
अब जसूर, नूरपुर तथा अन्य क्षेत्रों से पंजाब के क्षेत्रों चक्की, जंडवाल, ममून, बुंगल, बधाणी तथा पठानकोट जाने वाले लोगों को लोधवा-भदरोया सड़क से लगभग 20-25 किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय कर अपने गंतव्यों पर पहुंचना पड़ेगा। ऐसा अनुमान है कि कुछ दिनों तक पुल यातायात के लिए बहाल नहीं होगा।