जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक में उपायुक्त ने दी जानकारी, निराश्रितों को सुखाश्रय योजना के तहत मिलेगा लाभ
आवाज़ ए हिमाचल
चंबा। उपायुक्त अपूर्व देवगन ने कहा कि प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री सुखाश्रय योजना की पात्रता और दिए जा रहे लाभों के प्रति पात्र लोगों तक जानकारी पहुंचाने के लिए सभी संबंधित विभाग जागरूकता गतिविधियां आयोजित करें। उन्होंने यह निर्देश मंगलवार को जिला बाल संरक्षण समिति की त्रैमासिक बैठक की समीक्षा करते हुए दिए। बैठक में डलहौजी हल्के के विधायक डीएस ठाकुर विशेष रूप से मौजूद रहे। उपायुक्त ने कहा कि सुखाश्रय योजना के तहत जिला में 27 वर्ष तक की आयु के 466 निराश्रित बच्चों का अभी तक चयन किया गया है। उपायुक्त ने कहा कि ऐसे विद्यार्थियों में व्यावसायिक और उच्च शिक्षा के प्रति विशेष प्रोत्साहन देने के लिए विशेष कर दसवीं व बारहवीं में पढने वाले विद्यार्थियों और इसके साथ 18 से 23 वर्ष की आयु के निराश्रितों युवाओं के लिए बाल विकास परियोजना अधिकारी संबंधित एसडीएम के माध्यम से करियर काउंसिलिंग के लिए शिविर आयोजित करें।
उपायुक्त ने यह भी कहा कि जिला में योजना की पात्रता को लेकर आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के माध्यम से प्रचार-प्रसार सुनिश्चित बनाया जाए ताकि कोई भी पात्र योजना के लाभ से वंचित न रहे। अपूर्व देवगन ने कहा कि योजना के अंतर्गत निराश्रित बच्चों को रहने के लिए आवास, भूमिहीन बच्चों को तीन बिस्वा जमीन, उत्तम शिक्षा प्राप्त करने के लिए निशुल्क कोचिंग, व्यावसायिक प्रशिक्षण, विवाह के लिए 2 लाख, जो निराश्रित युवा खुद का स्टार्टअप करना चाहते हैं उन्हें 2 लाख रुपए की एकमुश्त राशि का प्रावधान रखा गया है। उपायुक्त ने जिला में संचालित किए जा रहे पांच बाल व बालिका आश्रम में उपलब्ध करवाई जा रही सुविधाओं की भी समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आश्रम में पढ रहे बच्चों की करियर काउंसलिंग के लिए भी विशेष अभियान चलाया जाए। बैठक की कार्रवाई का संचालन कार्यवाहक जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग शशि ठाकुर ने किया। बैठक में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान, उपनिदेशक एवं परियोजना अधिकारी जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ओपी ठाकुर व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।