चंडीगढ़ में 4 अगस्त से होगा अंतर्राष्ट्रीय स्तर के “साहित्याश्रय 2023” का आयोजन

Spread the love

साहित्यकार रमेश चन्द्र ‘मस्ताना’ की तीन पुस्तकों पर किया जाएगा विचार विमर्श

आवाज़ ए हिमाचल 

चंडीगढ़। अमेरिका के शहर मियामी (फ्लोरिडा) से संचालित की जाने वाली ई-पत्रिका अनहद-कृति के माध्यम से हिन्दी साहित्य की अलख जगाने वाले और अम्बाला शहर से सम्बद्ध चसवाल परिवार के द्वारा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाने वाला साहित्याश्रय-2023 समारोह इस बार 4 से 6 अगस्त तक खूबसूरत और नायाब शहर चंडीगढ़ में आयोजित किया जा रहा है।

चसवाल दम्पति पुष्पराज चसवाल एवं प्रेमलता चसवाल के अतिरिक्त विभा चसवाल के प्रयासों से यह कार्यक्रम आपसी मिलवर्तन की मूल अवधारणा के साथ विभिन्न सत्रों में आयोजित किया जाएगा, जिसमें देश के कोने-कोने एवं विदेशों से कई साहित्य-प्रेमी शिरकत करेंगे और तीन दिन तक एक पारिवारिक समूह के रूप में इकट्ठे रहकर साहित्यिक चर्चा करेंगे।

इस तीन दिवसीय सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश से रमेश चन्द्र ‘मस्ताना’ अपने अभिन्न साहित्यिक मित्र प्रभात शर्मा के साथ सहभागिता निभाने के लिए जा रहे हैं। साहित्याश्रय – 2023 के सन्दर्भ में विस्तृत जानकारी देते हुए ‘मस्ताना’ ने बताया कि इस कार्यक्रम में साहित्य संबधी चर्चाओं के दौर के साथ-साथ किताब की बात के अन्तर्गत पुस्तक प्रदर्शनी और लेखकों के द्वारा अपनी-अपनी पुस्तकों पर संवाद भी किया जाएगा।

इसी क्रम में रमेश चन्द्र ‘मस्ताना’ की तीन पुस्तकों काग़ज़ के फूलों में, मिट्टिया दी पकड़ और मेरया मितरा के अतिरिक्त प्रभात शर्मा के उपन्यास शीशम का पेड़ पर विचार विमर्श किया जाना प्रस्तावित है। कवि-सम्मेलनों के दौर में बहुभाषी कवि-सम्मेलन के अलावा अलाव की शाम और गीत-गजल की रात का भी विशेष प्रबंध किया गया है। रचनाकारों के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को इस बार कम्प्यूटर के माध्यम से एक बड़ी स्क्रीन पर डिस्प्ले करने की योजना भी चसवाल परिवार के द्वारा बनाई गई है। बाल कलाकारों के लिए लेखकीय कार्यशाला और चित्रकला-प्रतियोगिता के अतिरिक्त हिन्दी-बिन्दी कैम्प का भी आयोजन विशेष आकर्षण का केंद्र रहेगा। पुस्तक प्रदर्शनी में लेखकों के द्वारा चसवाल परिवार को भेंट की गई प्रतियों को मियामी के एक विशेष पुस्तकालय में रखने व पढ़ने का विशेष प्रबंध भी इस परिवार के द्वारा किया गया है।

उल्लेखनीय है कि इससे पहले इस कड़ी का पिछला आयोजन कारोना काल से पहले साहित्याश्रय-2020 के रूप में धर्मशाला के होटल काश्मीर हाऊस में फरवरी 2020 में किया गया था।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *