आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। हिमाचल में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के चलते बारिश, बर्फबारी, ओलावृष्टि के साथ साथ बिजली गिरने की घटनाएं हो रही हैं। बीते दिनों बिजली गिरने की कई घटनाएं हो चुकी है।
क्यों गिरती है बिजली
बिजली गिरना असल में स्थैतिक ऊर्जा का निकलना होता है जब धरती और बादलों के बीच विद्युत चार्ज बिगड़ जाता है, आसमान में बहुत बड़ा इलेक्ट्रिक स्पार्क है, मीनार, ऊंचे पेड़, घर या इंसान जब पॉजिटिव चार्ज हो जाते हैं तब उससे पॉजिटिव इलेक्ट्रिसिटी निकलकर ऊपर की ओर जाती है, इसे स्ट्रीमर कहते हैं बादल के निचले हिस्से में मौजूद निगेटिव चार्ज स्ट्रीमर की ओर आकर्षित होता है, जिससे बिजली धरती पर गिरती है। यही कारण है कि ऊंची चीजों पर बिजली गिरने की आशंका अधिक होती है।
मौसम वैज्ञानिक का दावा है कि बिजली गिरने की घटनाओं का सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन से है। ऐसे में आसमान पर घने काले बादल होने पर बिजली गिरने की घटनाएं ज्यादातर होती हैं। ऐसे में लोगों को काले घने बादल होने पर घर या कार्यालय के अंदर ही रहना चाहिए और दूसरों को भी समझाना चाहिए। इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकती है।
बिजली से बचाव के लिए रखें ये सावधानियां
ऊंची इमारतों वाले क्षेत्रों में नहीं जाएं क्योंकि वहां वज्रपात का खतरा ज्यादा होता है। यदि किसी खुले स्थान में हैं तो तत्काल किसी पक्के मकान में चले जाएं। मोबाइल पर बात कर रहे हैं तो सावधान, यह जानलेवा साबित हो सकता है। कार आदि वाहन में है तो उसी में ही रहें लेकिन बाइक से दूर हो जाएं क्योंकि उसमें पैर जमीन पर रहते हैं। लोहे के पिलर वाले पुल के आसपास तो बिलकुल नहीं जाएं। घर में चल रहे टीवी, फ्रिज आदि इलेक्ट्रिक उपकरणों को तुरंत बंद कर दें। तालाब, जलाशयों और स्विमिंग पूल से दूरी बनाएं ग्रुप में न खड़े हों बल्कि दूर-दूर खड़े हों ध्यान दें कि आसपास बिजली या टेलीफोन के तार न हो।