आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम ,बीबीएन| ग्लेनमार्क फार्मा के जाय ऑफ गिविंग फेस्टिवल के अंर्तगत हर साल की तरह इस बार भी सीएसआर एक्टिविटी के तहत ग्लेनमार्क फार्मा कंपनी की राजपुरा और किशनपुरा दोनो यूनिटों के कार्यकर्ताओं द्वारा 30000 इको फ्रेंडली पेपर लिफाफे बनाए गए। जिसका उद्देश्य पॉलिथीन के बढ़ते हुए उपयोग के भयानक प्रभाव से लोगों को अवगत करवाया जा सके। इसी मुहीम के अंर्तगत 2 दर्जन ग्लेनमार्क फार्मा के कर्मचारियों के साथ अकाउंट्स मेनेजर सुरिंदर , दिनेश शर्मा और एच आर हेड बी आर शर्मा, एच आर मेनेजर सुरिंदर शर्मा, अजय , शिल्पा, आई जी डी प्रोजेक्ट मैनेजर बलजिंदर सिंह ने बद्दी व नालागढ़ के बाजारों में रेहड़ी फड़ी वालो को पेपर के बने लिफाफे बाटे और साथ ही साथ उन्हे प्लास्टिक के लिफाफो के दुष्ट परिमाणों से भी अवगत कराया की प्लास्टिक के लिफाफे धरती को जहरीला बनाने के साथ साथ उपजाऊ भूमि को खोखला बना रहा है। आलम यह है कि पाबंदी के बाद भी प्लास्टिक के लिफाफे चोरी छुपे बिक रहे हैं। ग्लेनमार्क फार्मा राजपुरा यूनिट से सुरिंदर कपूर ने बताया कि पॉलिथीन और प्लास्टिक गांव से लेकर शहर तक लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है। शहर का ड्रेनेज सिस्टम अक्सर पॉलिथीन से भरा मिलता है इसके चलते नालिया और नाले जाम हो जाते हैं। इसका प्रयोग तेजी से बढ़ रहा है। प्लास्टिक के डिस्पोजल ग्लास में चाय कॉफी का सेवन करने से उसका केमिकल लोगों के पेट में चला जाता है। इससे डायरिया के साथ साथ अन्य गंभीर बीमारियों के होने का खतरा रहता है।
वही ग्लेनमार्क फार्मा किशनपुरा यूनिट से दिनेश शर्मा ने बताया पॉलिथीन का बढ़ता हुआ उपयोग न केवल वर्तमान के साथ बल्कि भविष्य के लिए भी खतरनाक होता जा रहा है। वही ग्लेनमार्क फार्मा प्लांट हेड सुनील सोनी ने बताया की प्लास्टिक के लिफाफो का इस्तेमाल बड़े पैमाने पर हो रहा है, जिससे सफाई व्यवस्था के साथ साथ पर्यावरण को भी नुक्सान हो रहा है। ग्लेनमार्क फार्मा किशनपुरा यूनिट हेड उमेश गुप्ता ने बताया की इस जागरूकता मुहीम का उद्देश्य केवल कर्मचारियों द्वारा बनाए पेपर लिफाफो के बाटने के साथ साथ रेहड़ी फड़ी वालो व दुकानदारों को प्लास्टिक के लिफाफो को इस्तेमाल न करने के लिए भी जागरूक करना है।