आवाज़ ए हिमाचल
03 नवंबर।खेलों के लिए सही दिशा न होने के चलते आज तक हिमाचल सभी अंतरराष्ट्रीय खेलों में पीछे रहा है। प्रदेश के युवाओं में ऊर्जा है लेकिन उसे सही दिशा में नहीं इस्तेमाल किया जाता है। यह बात वन और युवा खेल सेवाएं मंत्री राकेश पठानिया ने धर्मशाला के मिनी सचिवालय में प्रेस वार्ता के दौरान कही।
पठानिया ने कहा कि प्रदेश भर में अनदेखी का शिकार स्टेडियमों को दुरुस्त करके खिलाड़ियों को बेहतर प्रशिक्षण दिया जाएगा। ग्रामीण स्तर पर 150 छोटे मैदान बनाकर हिमाचल का सही टैलेंट निखारा जाएगा।
वन विभाग के खाली क्षेत्रों में जो बच्चे खेलते हैं, उन्हें खेलने से रोका नहीं जाएगा। नई खेल नीति के निर्धारण में खेलों के प्रति युवाओं में दिलचस्पी पैदा करने, ग्रामीण स्तर तक खेलों के लिए आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध करवाने, खिलाड़ियों के लिए बेहतर प्रशिक्षण की व्यवस्था, प्रोत्साहन राशि आदि पर फोक्स किया जाएगा।नई खेल नीति दिसंबर माह तक तैयार हो जाएगी।
इसके निर्धारण में हिमाचल के उत्कृष्ट खिलाड़ियों और खेल संघों के पदाधिकारियों के सुझावों की तरजीह दी जाएगी। नई खेल नीति का प्रारूप तैयार करने के लिए इसी माह विभिन्न खेल संघों के साथ शिमला, मंडी, हमीरपुर, उना, बिलासपुर, नुरपुर में आवश्यक बैठकें भी आयोजित की जाएंगी।
एक सवाल के जवाब में खेल मंत्री ने कहा कि खेल संघों की कार्यकारिणी में विषयवाद विशेषज्ञ यानी खिलाड़ियों को ही जगह मिलनी चाहिए। खेल संघों में राजनीति खत्म करनी होगी। जो कभी मैदान पर खेला नहीं, वह खेल संघ का पदाधिकारी नहीं होना चाहिए।उन्होंने कहा कि हर विधानसभा क्षेत्र में चरणबद्ध तरीके से दो-दो आउटडोर स्टेडियम निर्मित किए जाएंगे। इन खेल परिसरों में खिलाड़ियों के लिए बेहतर खेल सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी। मनरेगा में भी खेल मैदान निर्मित करने के लिए पहल की गई है।
युवा सेवाएं खेल मंत्रालय ने हिमाचल के लिए 15 फेबरिक स्टेडियम बनाने के लिए भी मंजूरी प्रदान की है। इन खेल परिसरों में बास्केटबाल, वालीबाल, बैडमिंटन, जूडो, बॉक्सिंग आदि के लिए सुविधा प्रदान की जाएगी।
* अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी धर्मशाला में सम्मानित
खेल मंत्री ने खेलों में हिमाचल का नाम रोशन करने वाले खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया। ओलंपियन विजय थापा, शूटर विजय कुमार, धावक सुमन रावत, रमेश पठानिया को धर्मशाला में सम्मानित किया गया।