आवाज ए हिमाचल
03 फरवरी।मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि धार्मिक पर्यटन के साथ टी-टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल के टी-टूरिज्म मॉडल का अध्ययन किया जाएगा। कांगड़ा के चाय बागानों को पर्यटन से जोड़ा जाएगा। राज्य सरकार नशा माफिया के विरुद्ध सख्त कार्रवाई कर रही है। आने वाले समय में इसमें और तेजी लाई जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार आने वाले तीन वर्षों में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए अनेक योजनाएं लेकर आएगी, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर भी प्राप्त होंगे।सुक्खू ने सोमवार को सात जिलों की विधायक प्राथमिकता बैठकों की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को भी निर्देश दिए कि विधायक प्राथमिकता की डीपीआर तैयार करते समय फॉरेस्ट क्लीयरेंस, गिफ्ट डीड आदि औपचारिकताएं पूरी करने में देरी न करें। औपचारिकताओं को पूरा करने में कोताही बरतने पर अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। सभी विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में समान रूप से विकास किया जा रहा है और इसी के दृष्टिगत सभी प्राथमिकताओं को अधिमान दिया गया है। बिना किसी भेदभाव के नाबार्ड को संस्तुति की गई है।मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि हिमाचल प्रदेश की 90 प्रतिशत आबादी गांवों में रहती है और राज्य सरकार गांव के लोगों की आर्थिकी मजबूत करने के लिए योजनाएं बना रही है। समय के साथ बदलाव जरूरी होता है। व्यवस्था में बेहतरी के लिए नियमों में बदलाव किया जा रहा है, जिससे प्रदेश आत्मनिर्भर बन सके। उन्होंने कहा कि राज्य को कर्ज के दलदल से बाहर निकालने के लिए हिमाचल को आत्मनिर्भर राज्य बनना होगा, जिसके लिए नए सुझावों का स्वागत है।मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले दो वर्ष में 251 योजनाओं के लिए 1691 करोड़ रुपये नाबार्ड की ओर से स्वीकृत करवाए गए हैं। सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से वर्ष 2024-25 में नाबार्ड से 903.21 करोड़ रुपये की 127 परियोजनाएं स्वीकृत करवाई जा चुकी हैं। इनमें से 412.75 करोड़ रुपये की 50 विधायक प्राथमिकता योजनाएं लोक निर्माण विभाग तथा 179.07 करोड़ रुपये की 23 विधायक प्राथमिकता योजनाएं जल शक्ति विभाग की हैं।मार्च महीने तक नाबार्ड से और अधिक विधायक प्राथमिकताओं को स्वीकृत करवाने के लिए प्रदेश सरकार प्रयासरत है। इन स्वीकृत परियोजनाओं में दो राज्य प्राथमिकताएं कांगड़ा जिले के ढगवार में 1.5 एलएलपीडी क्षमता के डेयरी प्रसंस्करण संयंत्र और 96 इलेक्ट्रिक बस चार्जिंग प्वाइंट की स्थापना भी शामिल हैं। कहा कि वर्ष 2024-25 में प्रदेश सरकार ने ग्रामीण अवसंरचना विकास निधि (आरआईडीएफ) के तहत 1087.77 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 5.28 प्रतिशत अधिक है।