आवाज ए हिमाचल
14 अप्रैल। केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सौ फीसद घरेलू नल कनेक्शन उपलब्ध कराकर गोवा देश में ‘हर घर जल’ वाला पहला राज्य बन गया है। गोवा के बाद तेलंगाना और अंडमान-निकोबार द्वीप समूह ने भी यह उपलब्धि हासिल की है। मोदी सरकार ने वर्ष 2024 तक ग्रामीण क्षेत्रों के सभी घरों में पेयजल हेतु नल कनेक्शन मुहैया कराने का लक्ष्य रखा है। देश के चार करोड़ ग्रामीण घरों तक घरेलू नल कनेक्शन पहुंच भी चुका है। इस योजना का एलान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त, 2019 को किया था। 2020-21 के बजट में इसकी औपचारिक शुरुआत हुई। इस पर सरकार साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये खर्च कर रही है। इस मिशन के तहत प्रत्येक परिवार को नियमित आधार पर पर्याप्त मात्र और निर्धारित गुणवत्ता वाले पेयजल की आपूíत लंबी अवधि तक की जानी है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति दिन, प्रति व्यक्ति को 55 लीटर स्वच्छ एवं सुरक्षित पेयजल उपलब्ध कराया जा रहा है। यह योजना इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज भी ग्रामीण भारत के एक बड़े हिस्से में पेयजल की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है। लोग सामूहिक चापाकलों, कुओं या नदियों पर आश्रित हैं। मोदी सरकार के लिए शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना एक राष्ट्रीय प्राथमिकता है।
यही वजह है कि सरकार एक केंद्रीकृत योजना के जरिये ग्रामीण भारत को पेयजल के मामले में आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दे रही है। इससे पहले संप्रग सरकार द्वारा 2009 में ‘राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम’ की शुरुआत की गई थी, जो अपने मकसद में विफल रही थी। हालांकि जल जीवन मिशन के तहत न सिर्फ ग्रामीण क्षेत्रों में पाइपलाइन के जरिये पानी पहुंचाया जा रहा है, अपितु भूजल स्तर के पुनर्भरण, जल के पुनर्उपयोग, वर्षा जल संचयन तथा स्थानीय बुनियादी ढांचे को सदृढ़ करने पर भी बल दिया जा रहा है। इस मिशन के तहत सीमित मात्र में और उपभोक्ताओं तक सीधे जलापूर्ति की जा रही है जिससे जल संरक्षण भी हो रहा है। मिशन के तहत देशभर में पाइपलाइन का जाल बिछाया जा रहा है, जिससे बड़े पैमाने पर रोजगार सृजन भी हो रहा है।
सालों भर स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराना निश्चय ही एक मुश्किल कार्य है। केंद्र के दृढ़ संकल्प और दूरदर्शिता का ही परिणाम है कि हर घर जल उपलब्ध कराने का कार्य प्रगति पर है। आने वाले समय में यह उपलब्धि मील का पत्थर साबित होगी। इस योजना से विशेषकर महिलाओं और बच्चों की जिंदगी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। जब बिना परेशानी के घर पर ही साफ पेयजल की उपलब्धता होगी तो इससे महिलाओं के समय और स्वास्थ्य की रक्षा होगी। बेशक सबको सुलभता से पेयजल उपलब्ध कराना एक सराहनीय और अच्छी पहल है, लेकिन पानी की बर्बादी रोकने के लिए भी हमें कोई ठोस नीति बनानी होगी।