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बिलासपुर। हिमाचल ही नहीं, बल्कि पूरे उत्तर भारत की पहली केबल फैरी भाखड़ा डैम के पास गोबिंदसागर झील में चलेगी। मंदिर न्यास की ओर से नयनादेवी से बाबा बालकनाथ की तपोस्थली शाहतलाई को आपस में कनेक्ट करने के मद्देनजर इस महत्त्वाकांक्षी योजना को स्वीकृति दीगई है। अगले एक साल के अंदर स्टीमरशिप टाइप की केबल फैरी शुरू कर श्रद्धालुओं को अपनी गाड़ी व बाइक के साथ मां नयना के बाद बाबा बालकनाथजी के दर्शन की आसान सहूलियत उपलब्ध करवाने का लक्ष्य तय किया गया है। इस प्रोजेक्ट को धरातल पर उतारने का जिम्मा रोपवे एंड रैपिड ट्रांस्पोर्ट सिस्टम डिवेल्पमेंट कारपोशेन (आरटीडीसी) को सौंपा जाएगा। टूरिज्म पर्पज से भी यह योजना लाभकारी सिद्ध होगी। बिलासपुर के उपायुक्त एवं मंदिर न्यास श्रीनयनादेवी के आयुक्त आबिद हुसैन सादिक ने यह नया इनिशिएटिव लिया है। मंदिर न्यास की बैठक में इस महत्त्वपूर्ण योजना को पास किया गया है। अब आरटीडीसी के माध्यम से इस योजना का सर्वे करवाकर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) तैयार करवाई जाएगी और बजट का प्रावधान कर योजना को धरातल पर उतारने के लिए अगले एक साल का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ऐसी सूचना है कि साउथ में केरल में केबल फैरी चलती हैं, जिनकी तर्ज पर भाखड़ा के पास गोबिंदसागर झील में केबल फैरी शुरू करने की योजना बनाई गई है।
इस केबल फैरी में तय क्षमता के अनुरूप यात्री बैठ सकते हैं और गाड़ी व मोटरबाइक इत्यादि भी आर-पार ले जाए जा सकेंगे। इससे नयनादेवी व शाहतलाई आपस में जुड़ जाएंगे और मां नयना के दर शीश नवाने के बाद श्रद्धालुओं की बाबा बालकनाथ जी के दर्शन करने की राह आसान हो जाएगी। उधर, उपायुक्त आबिद हुसैन सादिक कहना है कि योजना का सर्वे कर डीपीआर तैयार करने के लिए आरटीडीसी के मुख्य महाप्रबंधक से बात की गई है। उस ओर से डीपीआर तैयार किए जाने के बाद अगली कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया जाएगा। आरटीडीसी के माध्यम से ही केबल फैरी शुरू करने के लिए टेंडरिंग की प्रक्रिया शुरू करवाई जाएगी। कोशिश है कि अगले एक साल के अंदर यह केबल फैरी शुरू करवाकर श्रद्धालुओं को नयनादेवी व इसके बाद शाहतलाई में बाबा बालकनाथ के दर्शनों की आसान एवं सस्ती सुविधा उपलब्ध करवाई जा सके। उपायुक्त के अनुसार इसकी मदद से कनेक्टिविटी, बढ़ाने में मदद मिलेगी, तो वहीं सुरक्षित, सस्ती और हाई क्वालिटी वाली सर्विस देने में यह पहला कदम होगा।
श्रद्धालु मां नयना के दर्शन करने के बाद आसान एवं सस्ती सर्विस से शाहतलाई पहुंच सकेंगे। इसके लिए भाखड़ा के पास गोबिंदसागर झील में केबल फैरी शुरू करने की योजना है, जिसे मंदिर न्यास की बैठक में स्वीकृति दी गई है।