गैर पेशेवर कर्मचारियों की जान जोखिम में डालना सरकार की अदूरदर्शिता- डॉ गुलेरिया

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आवाज ए हिमाचल 

30 अप्रैल। अध्यापकों से कोरोना-19 की ड्यूटी लेने के आदेश जारी करने के वजाय हिमाचल सरकार स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद विभाग में से रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी वर्ग से  कोविड-19 महामारी टीकाकरण व लोगों को जागरूक करने के अभियान में ड्यूटी लगाने के आदेश जारी करती तो वेहतर होता क्योंकि विभाग में काम करने का इनका लम्बा तजुर्बा रहा है और इसका लाभ जनहित में उठाया जा सकता है । यह शब्द न्यु पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के प्रदेशाध्यक्ष डाक्टर संजीव गुलेरीया ने कही ।

उन्होंने कहा कि सरकार को चाहिए था कि इस विभाग से रिटायर्ड हुए कर्मचारियों अधिकारियों को अपने घर के समीप या अन्य जगह अपनी सेवाएं देने का अवसर उपलब्ध करवाने वारे कदम उठाती, उन की इस महामारी के उन्मूलन में भागीदारी सुनिश्चित करती, क्योंकि रिटायर्ड स्वास्थ्य एवं आयुर्वेद विभाग में सेवानिवृत्त कर्मचारी अधिकारी अपने कार्य में निपुण हैं। डाक्टर संजीव गुलेरिया ने कहा कि गैर पेशेवर कर्मचारियों अधिकारियों की जान जोखिम में डालकर कार्य करवाना सरकार की अदूरदर्शिता दर्शाता है।अध्यापकों से कोरोना वायरस महामारी में स्वास्थ्य सम्बन्धी सेवाएं लेना उन्हें मौत के मुंह मे डालने समान और दुर्भाग्यपूर्ण है। गुलेरिया ने कहा कि यदि दुर्भाग्य से कोई कर्मचारी काल का ग्रास बन जाता है, तो न्यु पेंशन स्कीम में कार्यरत होने के कारण पुरानी पेंशन का प्रावधान भी नहीं है, परिवार के सदस्य को करुणा मूलक नोकरी की गारंटी भी नहीं है। डा संजीव गुलेरिया ने कहा कि सरकार का इतना संवेदनहीन व निर्दयता से भरा कर्मचारियों अधिकारियों के प्रति व्यवहार बहुत ही पीड़ादायक व निंदनीय है।

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