आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में भारत को 209 रनों से करारी हार का सामना करना पड़ा। आस्ट्रेलिया के खिलाफ भारतीय बल्लेबाजी फ्लॉप साबित हुई, लेकिन सबसे ज्यादा हैरानी भरा सवाल यहां यह रहा था कि टीम मैनेजमेंट ने इस मुकाबले में अपने स्टार ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन को प्लेइंग 11 में मौका नहीं दिया था, जबकि वह डब्ल्यूटीसी 2021-23 के चक्र में सर्वाधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज थे। इस मैच के बाद रविचंद्रन अश्विन ने अब पहली प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि वह इस मुकाबले को खेलना चाहते थे, क्योंकि मैंने टीम को यहां तक पहुंचाने में अपनी भूमिका निभाई थी। अश्विन ने आगे कहा, इसका जवाब देना मुश्किल है। अश्विन ने आगे कहा, 2018-19 से देखें तो विदेशों में मेरी बॉलिंग बेहतरीन रही है और मैंने टीम को मैच जिताने में भूमिका निभाई है। अगर मैं इसे बतौर कप्तान और कोच के रूप में देखूं तो मैं अब बीती बातों पर, उनके डिफेंस में बात कर रहा हूं।
तो जब पिछली बार 2021 में हम इंग्लैंड में थे, तो यह 2-2 के साथ एक ड्रॉ टेस्ट था और उन्होंने तब सोचा होगा कि चार तेज गेंदबाज और एक स्पिनर का कॉम्बिनेशन इंग्लैंड में सही रणनीति है। फाइनल में जाते हुए उन्होंने यही सोचा होगा। अश्विन ने कहा, मेरे लिए यह कोई नुकसान नहीं है। यह बस एक ठोकर है, जिससे मैं आगे निकल जाऊंगा, क्योंकि मैंने ऐसे कई पल देखे हैं। जब कोई पहली बार आपको गिराता है, तो आपके घुटनों में झटका सा लगता है। मैं समझता हूं कि आपको जीवन में एक बार तो झटका मिलना ही चाहिए, तो इससे आप इसके आदी हो जाते हैं और यह जान जाएंगे कि कैसे वापसी करनी है। यही जिंदगी है। चाहे आप अपने शिखर पर हैं या नहीं हैं, आपको रुकावटें मिल सकती है।