आवाज़ ए हिमाचल
नई दिल्ली। बजट में विज्ञापन के लिए ज्यादा पैसे का प्रस्ताव और विकास कार्यों के लिए कम रखने पर केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के बजट को पास नहीं किया है। गृह मंत्रालय ने केजरीवाल सरकार से स्पष्टीकरण मांगा है कि आखिर बजट में विज्ञापन के लिए ज्यादा राशि क्यों रखी गई है। हालांकि दिल्ली सरकार का दावा है कि कुल 78,800 करोड़ रुपए का बजट रखा गया है, जिसमें 22 हजार करोड़ इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च किए जाएंगे, जबकि 550 करोड़ रुपए ही विज्ञापन के लिए रखे गए हैं।
अब केजरीवाल सरकार के दावे में सच्चाई है, तो गृह मंत्रालय क्यों बजट पास नहीं कर रहा है। इसी बीच मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है और बजट पास करने की गुजारिश कर डाली है। केजरीवाल ने पत्र में लिखा है कि प्लीज बजट को मत रोकिए, दिल्ली वालों से क्या नाराजगी है। देश के 75 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है, जब किसी राज्य का बजट रोका गया है। उधर, सूत्रों ने बताया कि नियमित प्रक्रिया के तहत बजट को 10 मार्च को गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। गृह मंत्रालय ने दिल्ली के बजट पर कुछ चिंताए जताई थी और 17 मार्च को भेजे गए पत्र के जरिए मंजूरी नहीं दी।
गृह मंत्रालय ने कहा कि बजट रोका नहीं गया है, लेकिन बजट में कुछ चिंताएं जरूर उठाई गई हैं। सूत्रों ने दावा किया कि गृह मंत्रालय की चिंताओं का जवाब दिया गया है और सोमवार रात मुख्यमंत्री की मंजूरी के बाद दिल्ली के उपराज्यपाल को फाइल वापस सौंप दी गई है। दिल्ली के वित्त मंत्री कैलाश गहलोत ने ट्वीट कर दावा किया कि भारत के इतिहास में पहली बार गृह मंत्रालय ने दिल्ली सरकार को अपना वार्षिक बजट पेश करने से रोका है। गृह मंत्रालय की मंजूरी के लिए बजट 10 मार्च को काफी पहले भेज दिया गया था।