आवाज़ ए हिमाचल
गोपाल, राजगढ़
14 फरवरी। राजकीय महाविद्यालय राजगढ़ में हिमाचल प्रदेश गवर्नमेंट कॉलेज टीचर्स एसोसिएशन की स्थानीय इकाई द्वारा गेट मिटिग का आयोजन कालेज परिसर मे किया गया। इस बैठक में कॉलेज के प्रोफेसरज ने महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर एसके गाँधी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री एवं प्रधान सचिव (शिक्षा) को एक मांग पत्र सौंपा भेजा।
इस ज्ञापन में सरकार से मांग की गई है कि प्रदेश के यूनिवर्सिटी एवं कॉलेज के प्रोफेसरज को यूजीसी के सातवें वेतन आयोग के स्केल, जोकि अन्य राज्यों में 2018 से दिए जा रहे हैं उनको अविलम्ब प्रदान किया जाए। पूरे देश में केवल पंजाब और हिमाचल ही ऐसे दो राज्य हैं जहां पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के सातवें वेतनमान की सिफारिशों को अभी तक लागू नहीं किया गया है और कॉलेज टीचर सिफ़ारिशों को लागू करवाने के लिए कम से कम 4 सालों से प्रतीक्षारत हैं।
इसके अतिरिक्त पहले पीएचडी एवं एमफिल की वेतन वृद्धि भी प्रदान की जाती थी जो कि अक्टूबर 2014 से बंद की गई है। महाविद्यालय के प्रोफेसरज यह भी मांग करते हैं कि इन वेतन वृद्धियो को शीघ्र अति शीघ्र बहाल किया जाए। यहां पर यह बताना आवश्यक है एक तरफ केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति में रिसर्च को बढ़ावा देने की बात करती है वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकार ने वेतन वृद्धि को बंद कर दिया।
इस बैठक में कार्यकारिणी का पुनर्गठन भी किया गया जिसमें डॉक्टर रणधीर सिंह चोवाल्टा को अध्यक्ष, डॉ मंजू ठाकुर को उप अध्यक्ष, प्रोफ़ेसर रमेश चौहान को सचिव, डॉ रमेश कुमार को सह सचिव एवं डॉ विवेक शर्मा को कोषाध्यक्ष चुना गया ।
इस बैठक में प्रोफेसर निवेदिता पाठक, डॉक्टर सविता सहगल, डॉक्टर राजीव भंडारी, प्रोफेसर प्रमोद ठाकुर, प्रोफेसर वंदना गुप्ता, डॉ नीति गुप्ता और डॉक्टर शशी किरण भी मौजूद रहे।