गली-मोहल्लों में खुले कोचिंग सेंटरों के खिलाफ जांच की तैयारी, विनियामक आयोग ने तैयार किया प्रस्ताव

Spread the love

आवाज़ ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल प्रदेश के गली-मोहल्लों में बिना मंजूरी खुले कोचिंग केंद्रों के खिलाफ जांच की तैयारी शुरू हो गई है। राज्य निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग ने सरकार को पत्र भेजकर जांच की मंजूरी मांगने का प्रस्ताव तैयार किया है। आयोग की ओर से कहा गया है कि बिना मंजूरी जहां-तहां खुले केंद्रों में प्रदेश के विद्यार्थी गुमराह किए जा रहे हैं। कोचिंग के लिए किसी भी सरकारी संस्था से फीस स्ट्रक्चर मंजूर नहीं करवाया गया है।

 एक-दो कमरों के भवनों में केंद्रों को चलाया जा रहा है। हिमाचल के निजी कोचिंग संस्थानों की चल रही मनमानी पर सरकार का अभी तक कोई नियंत्रण नहीं है। प्रदेश भर में दर्जनों बड़े और सैकड़ों की संख्या में छोटे कोचिंग संस्थान चलाए जा रहे हैं। इन संस्थानों में पढ़ने वाले छात्रों और उनके अभिभावकों की अव्यवस्था से संबंधित शिकायतों पर कोई सुनवाई तक नहीं होती।

इन शिकायतों को लेकर छात्र और अभिभावक आयोग के पास भी शिकायतें ले जाने से परहेज करते हैं। इन कोचिंग संस्थानों में बुनियादी ढांचा तक उपलब्ध नहीं है। कई संस्थानों में पढ़ने वाले बच्चों के बैठने की व्यवस्था सही नहीं है। इसके अलावा कई अन्य दिक्कतें भी छात्रों को झेलनी पड़ रही हैं। इन संस्थानों में कोचिंग के नाम पर मोटी धनराशि वसूली जाती है। संस्थानों में फीस ढांचा तय नहीं रखा है। फीस के नाम पर हर संस्थान अपने हिसाब से राशि वसूल रहा है।

हिमाचल प्रदेश निजी शिक्षण संस्थान विनियामक आयोग के अध्यक्ष मेजर जरनल (सेवानिवृत्त) अतुल कौशिक ने कहा कि कई कोचिंग संस्थानों में फैकल्टी पर भी कोई निगरानी नहीं है। कई संस्थानों में अन्य सरकारी शिक्षण संस्थानों के रेगुलर शिक्षकों की सेवाएं ली जाती हैं जबकि यह नियमों के खिलाफ है। कोचिंग संस्थानों के पास बुनियादी ढांचा नहीं है। फीस भी मनमाने तरीके से वसूली जाती है। प्रदेश सरकार को इस बाबत पत्र भेजा जाएगा। इन संस्थानों को नियमों में लाने और इनकी जांच करवाने की मांग की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *