गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के पांच विधायकों और दो मंत्रियों ने अहम भूमिका निभाई

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आवाज़ ए हिमाचल 

06 मार्च। कांग्रेस विधायकों का निलंबन निरस्त करने के लिए शुक्रवार सुबह से ही कसरत शुरू हो गई थी। गतिरोध खत्म करने के लिए कांग्रेस के पांच विधायकों और दो मंत्रियों ने अहम भूमिका निभाई। निलंबन निरस्त होने के बाद लंच के बाद सभी विधायक सदन में पहुंचे। इसके बाद सदन की कार्यवाही शांति से चलती रही। टकराव खत्म करने में पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और शांता कुमार का दखल भी काफी कारगर रहा। इससे पहले सदन में माकपा विधायक राकेश सिंघा ने सदन में विपक्ष की जबरदस्त पैरवी भी की। पिछले तीन दिन से दोनों पक्षों में टकराव टालने को बराबर वार्ताएं होती रहीं।


एक कांग्रेस विधायक बराबर मंत्री से फोन पर संपर्क बनाए हुए थे। इसके बाद स्पीकर विपिन सिंह परमार ने वार्ता के लिए कांग्रेस के पांच विधायकों को अपने चैंबर में आमंत्रित किया ताकि गतिरोध को खत्म किया जा सके। सुबह 11 बजे बैठक के लिए कांग्रेस विधायक सुखविंद्र सुक्खू, रामलाल ठाकुर, आशा कुमारी, कर्नल धनीराम शांडिल और जगत सिंह नेगी को बुलाया गया था। सरकार की ओर से दो मंत्री महेंद्र सिंह और सुरेश भारद्वाज के बीच बातचीत हुई। इसके बाद तब गतिरोध खत्म हुआ और निलंबन निरस्त करने का फैसला लिया गया। उधर, शनिवार को मुख्यमंत्री को बजट पेश करना था, बिना विपक्ष के बिना किरकिरी न हो इस कारण भी सरकार का रुख नरम पड़ा।

 

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