आवाज़-ए-हिमाचल
10 नवम्बर : हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में शाहपुर के खोली प्रोजेक्ट की मनमानी को लेकर शाहपुर के किसान आक्रोशित होने शुरू हो गये हैं| किसानों की मांग है कि उन्हें खोली प्रोजेक्ट से पानी कि वो मात्रा उपलब्ध नहीं करवाई जा रही है, जिसका उनकी ओर से करार किया गया था|
दरअसल शाहपुर की हजारों की आबादी वाले इलाके में ज्यादातर लोग किसानी करते हैं और उन्हें खरीफ़ और रबी की फसल के लिये हमेशा पानी पर ही निर्भर रहना पड़ता है|
ऐसे में उनकी ओर से जब शाहपुर के खोली में पावर प्रोजेक्ट तैयार किया जा रहा था तो उस वक़्त करार किया गया था कि जब भी यहां के किसानों को फसलों की बिजाई के लिए पानी की जरूरत पड़ेगी, उन्हें उचित मात्रा में पानी उपलब्ध करवाया जायेगा|
बावजूद इसके आज खोली प्रोजेक्ट किसानों की कसौटी पर खरा नहीं उतर पा रहा है| अब ऐसे में उन्हें सरकार के समक्ष इस प्रोजेक्ट के प्रबंधन के ख़िलाफ़ आवाज़ बुलंद करने के कोई चारा नहीं है|
किसान कमेटियों और पंचायत प्रधानों ने कांग्रेस के प्रदेश महासचिव केबल सिंह पठानिया की अगुवाई में जिलाधीश राकेश प्रजापति को ज्ञापन सौंप कर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है|
पठानिया ने कहा कि पावर प्रोजेक्ट अपनी कथनी से मुकर चुका है और अब महज 2 घण्टे पानी छोड़ रहा है, जो कि किसानों के लिये महज ऊंट के मुंह में जीरे के सामान प्रतीत हो रहा है| उन्होंने कहा कि अगर प्रॉजेक्ट ने अपनी मनमानी नहीं छोड़ी तो किसान बर्बाद हो जाएंगे और उनकी बर्बादी की भरपाई फिर कौन कर पायेगा, जिसके लिये उन्हें भविष्य में आंदोलन का सहारा भी लेना पड़ सकता है|