खालिस्तानी संगठन ने कहा, पहली फरवरी काे करेंगे संसद पर कब्जा

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आवाज ए हिमाचल 

27 जनवरी। खालिस्तानी संगठन (SFJ) ने आगामी 1 फरवरी को संसद पर कब्ज़ा करने के लिए कहा है। साथ ही लाल किले के बाद संसद का घेराव करने की भी धमकी दी है। इतना ही नहीं, लाल किले पर झंडा फहराने वाले शख्स को इनाम देने का भी एलान किया गया है। गणतंत्र दिवस पर 26 जनवरी के दिन उपद्रवी किसानों द्वारा तोड़-फोड़ मामले में दिल्ली पुलिस ने 200 लोगों को हिरासत में लिया है।

बताया जा रहा है कि इस हिंसा में कई नेता भी घेरे में, इन पर भी जल्द ही कार्रवाई की जा सकती है। वहीं, किसानों ने मंगलवार को लाल किला परिसर के भीतर घुसकर हंगामा किया था। एक दिन बाद लाल किला परिसर के अंदर की तस्वीरें जारी हुई हैं। इसमें साफ देखा जा सकता है कि किस तरह उपद्रवियों ने वहां पर रखे सामान को नुकसान पहुंचाया है। किसानों के ट्रैक्टर परेड की आड़ में दिल्ली में उपद्रव करने के मामले में दिल्ली पुलिस अब तक 22 एफआइआर दर्ज की जा चुकी है। उपद्रव के दौरान 300 पुलिस कर्मी घायल हुए थे।

अब तक इस मामले में पुलिस 200 लोगों को हिरासत में ले चुकी है। ये वो हैं, जो उपद्रव के दौरान घायल हुए थे और अलग अलग अस्पतालों में भर्ती हुए थे। पुलिस इन्हें पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लेगी। गणतंत्र दिवस के बाद नोएडा-दिल्ली बार्डर की सड़कों पर बुधवार को जाम रहा। सरकारी कार्यदिवस होने के चलते फैक्ट्री, दफ्तर खुले होने के चलते नोएडा से दिल्ली जा रहे वाहन चालक डीएनडी व कालिंदी कुंज के पास जाम में फंसे। सबसे अधिक जाम सेक्टर-16 फिल्म सिटी फ्लाईओवर से डीएनडी टोल प्लाजा तक जाम रहा। करीब तीन किलोमीटर लंबा जाम रहा। जाम में फंसे वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ा।

हालात को देखते हुए गाज़ीपुर मंडी, नेशनल हाइवे-9 और नेशनल हाइवे-24 को बंद कर दिया है। इसी के साथ ही दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने अपील है कि है कि जिसे दिल्ली से गाज़ियाबाद जाना है, वह कड़कड़ी मोड़, शाहदरा और DND का प्रयोग करें। बताया जा रहा है कि मंगलवार को किसान दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस वे से दिल्ली में जबरन घुस गए थे। ऐसे में पुलिस ने बुधवार को एक्सप्रेस वे को बंद किया हुआ है, जबकि एनएच-9 पर यातायात चल रहा है।देश की राजधानी में किसानों के उपद्रव के बाद बुधवार को सारे शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत का कहना है कि दीप सिद्धू सिख नहीं हैं, वे भाजपा के कार्यकर्ता हैं। पीएम के साथ उनकी एक तस्वीर है। यह किसानों का आंदोलन है और ऐसा ही रहेगा। कुछ लोगों को तुरंत इस जगह को छोड़ना होगा, जो लोग बैरिकेडिंग तोड़ चुके हैं वे कभी भी आंदोलन का हिस्सा नहीं होंगे।

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