आवाज़ ए हिमाचल
शांति गौतम, बीबीएन
18 फरवरी। इंस्टीच्यूशन इंस्टिट्यूट फॉर ग्लोबल डेवलपमेंट द्वारा ग्लेनमार्क फाउंडेशन के सहयोग से 11 से 18 फ़रवरी 2022 कुपोषण एव एनीमिया के स्तर पर व्यापक कमी लाने के लिए “कुपोषण छोड़ पोषण की ओर, थामे क्षेत्रीय भोजन की डोर” मुहिम शुरू की गई, जिसे गांवों में लोगों के घर-द्वार तक पहुंचाने का कार्य किया गया।
यह मुहिम बद्दी के गांव हररायपुर, संधोली व आरसीएच सेंटर में, नालागढ़ के गांव राजपुरा व सल्लेवाल में, बरोटीवाला के गांव लोअर बटेर में और चंडी के गांव कैंडोल, कैंठा व कैथलोह में लोगों के घर-द्वार, समूह बैठकों, पोषण पर चर्चा, नुक्कड़ नाटक, बच्चों का वजन लेकर कुपोषण का आकलन, हैल्थ कैंप सहित कई गतिविधियो का आयोजन किया गया, जिसमें आगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, आशा, पंचायत प्रतिनिधियों ने अहम भूमिका निभाई।
डा. अंजली गोयल द्वारा महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच, गर्भावस्था के दौरान रखी जाने वाली सावधानियां, स्वच्छता एव साफ सफाई के संबंध में बताया गया। महिलाओं को बच्चों के उम्र एव वजन के अनुसार उनके खान-पान पर विशेष ध्यान देने पर जानकारी दी गई। साथ ही उन्हें बताया गया कि बच्चो की पोषण स्तर में सुधार हेतु उन्हें स्तनपान के साथ ही समय पर पौष्टिक आहार प्रदान किया जाना आवशक हैं।
परियोजन अधिकारी बलजिंदर सिंह ने बताया वैसे तो पुरषों में भी एनीमिया के लक्षण पाए जाते हैं परन्तु स्त्रियों को यह समस्या ज्यादा परेशान करती है। इसके अलावा पारिवारिक जिम्मेदारियों के कारण अधिकतर महिलाएं अपनी सेहत और खानपान पर ध्यान नहीं देती, जिसकी वजह से उनके शरीर में खून की कमी हो जाती है।
इसी के साथ मुहिम के आखरी दिन सरकारी अस्पताल बद्दी में भोजिया नर्सिंग कॉलेज के बच्चों द्वारा एनीमिया पर नुक्कड़ नाटक के माध्यम से 2 परिवारों में गर्भवती महिलाओं की दशा को दर्शाया गया, जिसमें बताया गया जिस परिवार की गर्भवती महिला ने घर का बना संतुलित आहार खाया उसका बच्चा स्वस्थ पैदा हुआ, जबकि जिस परिवार की गर्भवती महिला ने अधिकतर बाहर का खाना खाया उस परिवार की गर्भवती महिला कमजोर व उसका बच्चा भी कमजोर पैदा हुआ। अंत महिलाओं को सही व पौष्टिक आहार के प्रति जागरूक किया गया।
साप्ताहिक जागरूकता मुहिम में संस्था के सुपरवाइजर पिंकी , हैल्थ वर्कर श्वेता शर्मा, रीना रानी, खुशबू , रंजना व कुलबिंदर कौर उपस्थित रहे।