आवाज़ ए हिमाचल
शिमला। सीबीएसई बोर्ड की तर्ज पर अब हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड भी टर्म परीक्षा प्रणाली को बंद कर सकता है। कारण यह कि टर्म सिस्टम को खत्म करने का विरोध कई शिक्षक संगठन कर चुके हैं। यही नहीं, खराब रिजल्ट के लिए शिक्षक संगठनों ने इसी टर्म को बड़ा कारण बताया है। इस बार जमा दो के रिजल्ट में अधिकतर छात्रों की कंपार्टमेंट आई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल रिजल्ट 20 फीसदी घटा है। शिक्षक संगठनों ने भी इसमें खामियां निकाली हैं। यही नहीं, इस बारे में राजकीय अध्यापक संघ और अनुसूचित जाति, जनजाति कर्मचारी कल्याण संघ ने बोर्ड सचिव को ज्ञापन सौंप चुका है। ऐसे में अब सरकार इस बारे में जल्द ही फैसला ले सकती है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह सिस्टम हिमाचल की भौगोलिक स्थिति के अनुसार नहीं है। वहीं टर्म प्रणाली स्कूलों में बच्चों का सर्वांगीण विकास करने में पूरी तरह से विफल है।
दूसरी ओर बोर्ड की दसवीं, जमा दो कक्षा की टर्म एक व टर्म दो में परीक्षा बच्चों और उनके अभिभावकों के ऊपर आर्थिक बोझ बनी हुई है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि छह महीने के बाद टर्म परीक्षा हो रही है। साल में दो बार बच्चों को परीक्षा शुल्क और स्कूलों को रिटेंशन फीस जमा करवानी पड़ रही है। इससे अभिभावकों पर दोहरा आर्थिक बोझ पड़ रहा है।