आवाज़ ए हिमाचल
ज्वाली। आखिरकार दो माह तक मत्स्य आखेट से प्रतिबंध हट गया तथा मंगलवार को सुबह ही मछुआरे झील किनारे जाल व किश्तियों को लेकर पहुंच गए। शाम को मछुआरों ने झील में जाल लगा दिए तथा मछुआरों के चेहरे भी खिल उठे। इसके अलावा काफी संख्या में लोग भी झील किनारे पहुंचे थे। इस बार जलस्तर भी काफी ऊपर है। मछुआरों द्वारा किश्तियों को झील में डाले जाने से झील भी गुलजार हो गई। मछुआरों ने मत्स्य सोसायटीज में मछली पहुंचाई तथा वहां पर मछली खरीदने के लिए काफी मछली शौकीन पहुंच गए थे।
मछली मंडी पठानकोट, तलवाड़ा व दिल्ली में भी पौंग झील की मछली भेजी गई। इन मछली मंडियों में पौंग झील की मछली की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है।