क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ढाई करोड़ की ठगी, देहरा में 10 ने कराया केस

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आवाज़ ए हिमाचल 

पालमपुर (कांगड़ा)। पुलिस थाना देहरा में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर ढाई करोड़ रुपये की ठगी का मामला दर्ज हुआ है। क्षेत्र के करीब 10 लोगों ने एफआईआर दर्ज करवाई है। एफआईआर में कुछ कर्मचारियों और राजनीतिक दलों से संबंध रखने वाले लोगों के नाम भी शामिल हैं। शिकायत पत्र में उन लोगों के नाम हैं, जिन्होंने क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए कहा था और लाखों रुपये निवेश करवाए थे।

सूत्रों की मानें तो कई लोगों ने 10 से 15 लाख रुपये तक निवेश किए हैं। यह शिकायत देहरा उपमंडल के हरिपुर, देहरा, बीहण और नगरोटा सूरियां आदि क्षेत्रों के लोगों ने करवाई है। बताया जा रहा है कि इस क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने के लिए पीड़ितों को एक-दो माह में लाखों रुपये कमाने के सपने दिखाने वालों में राजनीतिक पार्टियों के लोग भी शामिल हैं।

उधर, क्रिप्टो करेंसी को लेकर थाना पालमपुर में भी तीन लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है। सूत्रोंं की मानें तो घुग्घर इलाके में करीब एक करोड़ रुपये की ठगी का खेल हुआ है। डीएसपी पालमपुर लोकेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि तफ्तीश शुरू कर दी गई है। संवाद

 क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर देहरा में करीब 10 लोगों ने मामला दर्ज करवाया है। पुलिस ने आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। – बीर बहादुर, एएसपी कांगड़ा

मोटी कमाई के चक्कर में छोड़ी नौकरी

हिमाचल में क्रिप्टो करेंसी से मोटी कमाई के चक्कर में कुछ लोगों ने सरकारी नौकरी तक छोड़ दी। मंडी जिले में तैनात एक पुलिसकर्मी ने नौकरी छोड़कर क्रिप्टो करेंसी में निवेश का ही काम शुरू कर दिया। कई पुलिस कर्मियों ने भी इसमें निवेश किया। यहां तक कई जेई, पटवारी, सेवानिवृत्त और कार्यरत कर्मचारियों ने भी लाखों रुपये निवेश कर दिए।

बताया जा रहा है कि क्रिप्टो करेंसी की मार्केटिंग करने वाले लोग पहले 37 हजार रुपये का निवेश करवाते थे और लोगों को 11 माह में राशि को दोगुना करने का झांसा देते थे। बाद में लोगों ने लालच में आकर खून पसीने की कमाई इसमें निवेश कर दी। विधायक होशियार सिंह का कहना है कि जानकारी मिली है कि एक आरोपी दुबई भाग गया है। दूसरे आरोपी न भाग पाएं, एसआईटी जांच के बाद उनके पासपोर्ट जब्त कर ले।

एप से निवेशकों को मिलती थी जानकारी

क्रिप्टो करेंसी में निवेश करने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि निवेशक कोरवियो और ट्रस्ट वॉलेट एप के जरिये अपने निवेश पर नजर रखते थे। इसमें एक आईडी के जरिये हर निवेशक की जानकारी उस एप में होती थी कि उन्होंने कितना निवेश किया है और कितना ब्याज लगा है।

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