शातिरों ने चार बार बदला कंपनी का नाम
आवाज़ ए हिमाचल
हमीरपुर। क्रिप्टो करंसी के महाफ्रॉड मामले में एक और बड़ा खुलासा हुआ है। शातिरों ने जिस कंपनी के नाम पर हजारों लोगों का पैसा लगवाया, उस कंपनी का नाम ही चार बार बदल दिया गया। शुरुआत में कोर्बियो के नाम से शुरू की गई कंपनी में लोगों को इन्वेस्ट करने के लिए कहा गया। कंपनी के साथ जुड़े हुए मुख्य लोग स्वयं लोगों के साथ प्लान देने के लिए जाते थे, ताकि लोग इनवेस्ट करें। कहा जाता था कि जब क्वाइन एक्सचेंज पर जाएगा, तो लाखों-करोड़ों रुपए वापस मिलेंगे। हैरत इस बात की है कि शातिरों ने चार बार न सिर्फ कंपनी का नाम बदला, बल्कि क्वाइन का नाम भी बदला दिया। सबसे पहले कोर्बियो से शुरुआत हुई तथा क्वाइन का नाम केआरओ था। उसके बाद कंपनी का नाम बदलकर विसक्रो रखा गया तथा क्वाइन का नाम बदलकर डीजीटी हो गया। इसके उपरांत कंपनी का नाम हाइपरनेस्ट कर दिया गया तथा क्वाइन का नाम बिटपेड हो गया। जैसे जैसे नाम बदलते गए शातिरों की बोलचाल में भी बदलाव होता गया।
वादे के मुताबिक लोगों को 11 महीने में पैसा नहीं मिला। शातिरों ने नई गेम खेलते हुए बात क्वाइन के एक्सचेंज पर जाने के नाम पर घूमा डाली। बाद में कंपनी का नाम एडटेकन हो गया तथा क्वाइन बिटपेड प्रो हो गया। वर्तमान में कंपनी का नाम एग्लोबल है। वर्तमान हालात ऐसे हैं कि हमीरपुर जिला से सैकड़ों लोग इस जाल में फंसे हुए हैं, जिनके जीवन की जमा पूंजी दांव पर लग गई। पुुलिस अधीक्षक हमीरपुर डा. आकृति शर्मा ने लोगों से अपील की है कि किसी भी तरह के लुभावने कामों के झांसे में न आएं। मामले में कार्रवाई की जा रही है।