को-आपरेटिव बैंक खोलेगा नई शाखाएं, गैर निष्पादित संपत्ति के सात फीसदी से नीचे जाते ही RBI को भेजा आवेदन

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आवाज ए हिमाचल 

शिमला। हिमाचल में अब करीब पांच साल बाद को-ओपरेटिव बैंक की नई शाखाएं जल्द खुलेंगी। बैंक प्रबंधन ने इस बारे में आरबीआई को पत्र भेज दिया है। इस पत्र की मंजूरी के बाद प्रदेश भर में उन जगहों का चयन किया जाएगा, जहां बैंक अपनी शाखाएं चला सकता है। बैंक में नई शाखा के चयन की प्रक्रिया बैंक की कोर कमेटी और अध्यक्ष मिलकर पूरा करेंगे। यह खुलासा बैंक के नवनिर्वाचित अध्यक्ष देवेंद्र श्याम ने कही है।

उन्होंने बताया कि आरबीआई की यह शर्त है कि शाखाएं तभी खोली जा सकती हैं, जब बैंक का एनपीए सात फीसदी से कम हो। को-ओपरेटिव बैंक का एनपीए सात फीसदी से कम हो गया है। बैंक ने 8644 करोड़ रुपए ऋण के रूप में वितरित किए हैं। इनमें से 598 करोड़ की राशि एनपीए में है। एनपीए में 2.2 फीसदी की कमी आई है।

इसके अलावा उन्होंने बताया कि बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए बैंक की सभी शाखाओं को इंटरनेट से जोड़ा जा रहा है।

इससे कामकाज में तेजी आएगी। बैंकों को कोर बैंकिंग के तौर पर अपग्रेड करेंगे। उन्होंने बताया कि कोविड के बावजूद बैंक घाटे में नहीं है और बैंक से जुडऩे वाले उपभोक्ताओं की संख्या लगातार बढ़ रही है। 60 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोग बैंक के साथ लंबे अरसे से जुड़े हुए हैं।

उन्होंने कहा कि बैंक में डिपोजिट अमाउंट 14 हजार 121 करोड़ है और इसमें 20.27 फीसदी बढ़ोतरी दर्ज हुई है। बैंक का शुद्ध मुनाफा 177.55 करोड़ रहा है। बैंक की 217 ब्रांच पूरे प्रदेश में हैं और बीते पांच साल में एक भी ब्रांच नई नहीं खुल पाई है। भविष्य में ब्रांच खोलने के लिए प्रयास किए जाएंगे।

 

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